हरिद्वार पंचायत चुनाव में सीएम पुष्कर के प्रभाव से भाजपा में जश्न, कांग्रेस में मचा घमासान, पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने प्रभारी देवेंद्र यादव के खिलाफ खोला मोर्चा, बोले पंचायत चुनाव में प्रभारी का कहीं कोई अता पता नहीं, कर गए हैं पलायन

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देहरादून।

हरिद्वार पंचायत चुनाव में सीएम पुष्कर के प्रभाव से भाजपा में जश्न, कांग्रेस में मचा घमासान, पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने प्रभारी देवेंद्र यादव के खिलाफ खोला मोर्चा, बोले पंचायत चुनाव में प्रभारी का कहीं कोई अता पता नहीं, कर गए हैं पलायन


सीएम पुष्कर सिंह धामी के प्रभाव के कारण हरिद्वार पंचायत चुनाव के नतीजे पक्ष में आने से भाजपा में जश्न का माहौल है, वहीं चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस के भीतर घमासान मच गया है। पूर्व नेता प्रतिपक्ष, पूर्व अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने सीधे प्रदेश प्रभारी को आड़े हाथों लेते हुए हार का ठीकरा उनके सिर फोड़ा। बेहद तीखे शब्दों का इस्तेमाल करते हुए आरोप लगाया कि प्रभारी पूरे चुनाव से गायब रहे। उनका कहीं कोई अता पता नहीं रहा। वे पूरी तरह प्रदेश से पलायन कर चुके हैं।
यमुना कालोनी आवास पर पत्रकारों से बात करते हुए प्रीतम सिंह ने कहा कि राज्य में लगातार कांग्रेस के साथी पार्टी छोड़ भाजपा में शामिल हो रहे हैं। कोई ध्यान देने वाला नहीं है। 2022 के विधानसभा चुनाव में जिस हरिद्वार जिले में कांग्रेस का बेहतर प्रदर्शन रहा, वहां के पंचायत चुनाव पर विशेष फोकस किए जाने की जरूरत थी, जो कि नहीं की गई। पूरे चुनाव को लेकर न नीति बनी और न ही उस पर कोई काम हुआ। टिकट बंटवारे को सिर्फ एक बैठक हुई। कैसे हम लड़ेंगे, इस पर कोई बात नहीं हुई। प्रभारी का कोई अता पता नहीं है। ऐसे में कैसे कांग्रेस मजबूत होगी। प्रभारी को आना चाहिए। यदि मुझसे कोई खता है, कोई बात नहीं, जिनसे उनकी बात है, उनके साथ ही मिल बैठ कर बात करनी चाहिए थी।
कहा कि राजनीति में हार जीत एक सिक्के के दो पहलू हैं। चुनाव हुए, कांग्रेस पराजित हुई, इसके बाद विधायकों और प्रत्याशियों से लंबा संवाद होना चाहिए था। जो कहीं होता हुआ नजर नहीं आ रहा है। ये पूरी जिम्मेदारी प्रभारी की बनती थी। हार गए तो हार गए, लेकिन आगे के लिए तो तैयारी करनी चाहिए। चुनाव हारने के बाद वे नदारद हो गए। कहा कि उन्हें राजनीति का लंबा अनुभव है। राजनीतिक वातावरण में ही सांस ली है। छठी बार विधायक हूं। हारने का ये मतलब नहीं कि हताश, निराश होकर घर बैठ जाएं। इससे तो पूरा दल ही संशय की स्थिति में आ जाएगा। हारने के बाद तो ज्यादा उत्साह के साथ काम करना चाहिए। प्रभारी को आना चाहिए और कांग्रेस को खड़ा करना चाहिए।

विधानसभा चुनाव के बाद भी कोई बात नहीं की
प्रीतम बोले की विधानसभा चुनाव में हार के बाद भी हार के कारणों और आगे की स्थिति बेहतर करने को कोई बात नहीं हुई। पार्टी के लक्सर और खानपुर के प्रत्याशी ही पार्टी छोड़ कर चले गए। कहा कि प्रभारी विधानसभा चुनाव के बाद से ही गायब हैं। उनके स्तर पर कभी कोई रणनीति नहीं बनाई गई। न ही प्रदेश स्तर पर कोई समन्वय स्थापित किया गया। कांग्रेस के सामने 2024 की चुनौती खड़ी है, लेकिन प्रदेश प्रभारी पूरी तरह सीन से ही गायब हैं।

ममता राकेश से मिलने पहुंचे प्रीतम
कांग्रेस नेता प्रीतम सिंह विधायक ममता राकेश से मिलने उनके भगवानपुर स्थित आवास पर पहुंचे। ममता राकेश के बेटे और बेटी ने रविवार को ही भाजपा ज्वाइन की है। इससे पूरी कांग्रेस पार्टी सकते में है। इस पर सोमवार को ही प्रीतम सिंह सीधे ममता राकेश से मिलने पहुंचे।

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