सीएम त्रिवेंद्र की घस्यारी कल्याण योजना में 50 प्रतिशत अनुदान मिलेगा, दूध की बढ़ेगी गुणवत्ता, एक साल में सवा दस करोड़ की सब्सिडी, एक लाख महिलाओं को मिलेगा लाभ 

0
45

सीएम त्रिवेंद्र की घस्यारी कल्याण योजना में 50 प्रतिशत अनुदान मिलेगा, दूध की बढ़ेगी गुणवत्ता, एक साल में सवा दस करोड़ की सब्सिडी, एक लाख महिलाओं को मिलेगा लाभ

देहरादून।

सीएम त्रिवेंद्र सरकार की सीएम घस्यारी कल्याण योजना में सरकार 50 प्रतिशत अनुदान देगी। पर्वतीय क्षेत्रों में चार रुपये प्रति किलो और मैदानी क्षेत्रों में दो रुपये प्रति किलो अनुदान दिया जाएगा। मौजूदा समय में दुग्ध सहकारी समितियों से जुड़े 50 हजार दुग्ध उत्पादक योजना का लाभ ले रहे हैं। मक्का सायलेज चारा और टीएमआर जैसा पशु आहार देने से दूध में वसा की मात्रा एक से 1.5 प्रतिशत बढ़ेगी। इससे दूध उत्पादन 15 से 20 प्रतिशत की वृद्धि होगी। जो पशुओं के अतिरिक्त आय अर्जन में सहायक साबित होगी। टोटल मिक्स एनिमल राशन(टीएमआर) रियायती दरों पर उपलब्ध कराने को वर्ष 2021-22 में 10.25 करोड़ की सब्सिडी की जरूरत होगी। मक्के की सहकारी खेती करने वाले और किसानों की आय में वृद्धि होगी। योजना के अंतर्गत एक लाख से अधिक पशुपालक महिलाओं को लाभ दिया जाएगा। पहाड़ी क्षेत्रों में चारे की समस्या और महिलाओं के चारा एकत्र करने को कठिन परिस्थिति का सामना करना पड़ता है। वे दुर्घटना का शिकार भी होती हैं। राज्य की 70 प्रतिशत से अधिक आबादी कृषि और पशुपालन से जुड़ी है। पशु चारे की पहाड़ों में बहुत कमी है। मक्की का सायलेज चारा उपलब्ध होने से दूध उत्पादन भी बढ़ेगा।

क्या है योजना
दो हजार से अधिक किसान परिवारों को उनकी 2000 एकड़ से अधिक भूमि पर मक्का की सामूहिक सहकारी खेती से जोड़ा जाएगा। एक साल में दस हजार मिट्रिक टन उत्पादन और आपूर्ति का लक्ष्य रखा गया है। इसमें उत्पादन इकाई की कुल परियोजना लागत पर होने वाला पूंजीगत व्यय 19.06 करोड़ है। मक्का की फसल की महिलाएं सामूहिक सहकारी खेती कर सकेंगी। इससे किसानों को अतिरिक्त आय के अवसर प्राप्त होंगे। बहुउद्देशीय सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को कृषि ऋण, कृषि उपकरण, बीज, उवर्रक उपलब्ध कराया जाएगा। उनकी उपज का आवश्यक रूप से खरीद भी होगी। 90 से 120 दिन में मक्के की फसल करने के साथ ही किसान तिलहन, मटर, सब्जियों समेत अगेती बुआई कर अतिरिक्त लाभ कमा सकेंगे। चारा 670 सहकारी समितियों, 1000 राशन की दुकानों, चारा बैंक, सरकारी विपणन केंद्रों के जरिए बांटा जा सकेगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here