टाउन प्लानिंग और बिल्डरों के साठगांठ का होगा खुलासा, मास्टर प्लान में अभी तक के हुए खेल भी जांच के दायरे में, जोड़तोड़ कर प्रस्तावित मास्टर प्लान में मनमाफिक भूउपयोग तय करने वालों को लगेगा झटका, धामी सरकार पलटेगी पूरी प्रक्रिया, पारदर्शी तरीके से तय होगा भूउपयोग l

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देहरादून।

टाउन प्लानिंग और बिल्डरों के साठगांठ का जल्द खुलासा होगा। मास्टर प्लान में अभी तक के हुए खेल भी जांच के दायरे में आएंगे। जोड़तोड़ कर प्रस्तावित मास्टर प्लान में मनमाफिक भूउपयोग तय करने वालों को भी झटका लगने जा रहा है। धामी सरकार मास्टर प्लान में हुई गड़बड़ियों को पूरी तरह पलटते हुए पादर्शी तरीके से भूउपयोग तय करेगी।
शहरों में विकास प्राधिकरण क्षेत्रों में मास्टर प्लान की प्रक्रिया में लैंडयूज चेंज कराने वालों को इस ताजा घटनाक्रम से झटका लगेगा। जांच में किसी भी तरह की गड़बड़ी पाए जाने पर अभी तक की लैंडयूज तय किए जाने की प्रक्रिया पर ग्रहण लग सकता है। ऐसा हुआ तो रियल स्टेट सेक्टर में खलबली मचना तय है।
वरिष्ठ नियोजक, नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग शशि मोहन श्रीवास्तव को शासन में अटैच करने के बाद विस्तृत जांच की तैयारी तेज हो गई है। शासन स्तर पर विस्तृत जांच को समिति गठन की तैयारी हो रही है। इसमें सिर्फ देहरादून, हरिद्वार समेत अन्य बड़े शहरों के ही विकास प्राधिकरण जांच के दायरे में नहीं आएंगे, बल्कि अमृत शहरों के मास्टर प्लान की प्रक्रिया भी जांच के दायरे में आएगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने टाउन प्लानिंग विभाग को लेकर आ रही शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए ही एसएम श्रीवास्तव को शासन में अटैच कर दिया था। मौजूदा समय में उत्तराखंड में न सिर्फ बड़े शहरों के विकास प्राधिकरण के दायरे में आने वाले क्षेत्रों का मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है, बल्कि पहली बार छोटे शहरों के भी मास्टर प्लान बन रहे हैं। मास्टर प्लान में शहरों की जमीनों का भूउपयोग तय किया जा रहा है। ऐसे में कृषि जमीनों का भूउपयोग आवासीय, शैक्षणिक संस्थान, व्यवसायिक, पर्यटन किए जाने को लेकर जोड़तोड़ किया जा रहा है। रियल स्टेट सेक्टर में मास्टर प्लान तैयार किए जाने के दौरान भूउपयोग तय किए जाने की प्रक्रिया को बेहद अहम माना जाता है।
उच्च स्तर पर शिकायतें भी इसी जोड़तोड़ से जुड़ी पहुंची थी। मास्टर प्लान में सीधे ही भूउपयोग बदले जाने, अमृत शहरों के मास्टर प्लान में भूउपयोग तय किए जाने को लेकर भी शिकायतें रहीं। ऐसे में अब जांच समिति के ऊपर बेहद अहम जिम्मा रहेगा। मास्टर प्लान के तहत अभी तक की चली प्रक्रिया की पड़ताल होगी। अभी तक की प्रक्रिया में किन किन क्षेत्रों के भूउपयोग बदलने की प्रक्रिया की गई, उनकी भी पड़ताल होगी। शासन से जुड़े सूत्रों ने बताया कि जल्द जांच समिति के गठन के आदेश होने जा रहे हैं।

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