पटवारियों को अस्पतालों के निरीक्षण का जिम्मा देने पर भड़के डॉक्टर, कामकाज में अनावश्यक प्रशासनिक हस्तक्षेप से नाराज
जीटी रिपोर्टर, देहरादून
पटवारियों से अस्पतालों का निरीक्षण कराने, अस्पतालों में तहसीलदार से लेकर अपर जिलाधिकारी स्तर के अफसरों के अनावश्यक बढ़ते दखल से डॉक्टर नाराज हो गए हैं। अस्पतालों में इस तरह के बढ़ते प्रशासनिक हस्तक्षेप पर डॉक्टरों ने नाराजगी जताई।
प्रांतीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संघ ने स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ अमिता उप्रेती से मिल कर अपना विरोध दर्ज कराया। कहा कि तत्काल अस्पतालों में बढ़ते प्रशासनिक हस्तक्षेप को बंद कराया जाए। पीएमएचएस के प्रदेश महासचिव डॉ मनोज वर्मा ने कहा कि पौड़ी के डीएम ने पटवारियों की ड्यूटी लगाकर उन्हें अस्पतालों के निरीक्षण पर भेज दिया। यही नहीं पटवारियों ने डॉक्टरों के रजिस्टर भी चैक करने शुरू कर दिए। उन्होंने पिछले महीनेकोरोनेशन अस्पताल में एडीएम के दौरे पर भी सख्त आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि कोरोनेशन अस्पताल में पीएमएस का पद है। ऐसे में स्वास्थ्य सेवा के अफसरों का अपमान किसी भी सूरत में बर्दास्त नहीं किया जाएगा। डॉ वर्मा ने बताया कि स्वास्थ्य महानिदेशक ने डॉक्टरों की मांगों के संदर्भ में शासन के अफसरों से बातचीत कर वार्ता का समय लेने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि यदि इस प्रकार की घटनाओं पर रोक नहीं लगी तो डॉक्टर आंदोलन का निर्णय लेने को बाध्य होंगे।
वेतन काटने से भी डॉक्टर नाराज
डॉक्टरों ने एक दिन की वेतन कटौती का विरोध किया। कहा कि डॉक्टर जान जोखिम में डालकर सेवाएं दे रहे हैं। लेकिन सरकार उनका भी वेतन काट रही है। उन्होंने कहा कि लॉक डाउन के दौरान भी डॉक्टरों ने 24 घंटे सेवाएं दी है। ऐसे में उनका वेतन काटा जाना पूरी तरह गलत है। पूर्व में भी सरकार से यह कटौती वापस लेने की मांग की गई थी लेकिन सरकार ने इस संदर्भ में कोई निर्णय नहीं लिया है। उन्होंने कहा कि कई राज्यों में डॉक्टरों को कोविड ड्यूटी के बदले विशेष प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। लेकिन राज्य सरकार डॉक्टरों का वेतन काट नही है। उन्होंने वेतन कटौती तत्काल बंद कर डॉक्टरों को प्रोत्साहन राशि देने की मांग की।