यूएसनगर में बिल्डरों को दिए कनेक्शन की जांच से खुश नहीं एमडी यूपीसीएल, अब पूरे राज्य में होगी गलत बिजली कनेक्शनों की जांच, 2013 के बाद से बड़े बिल्डरों, प्रॉपर्टी डीलरों, कालोनाइजरों के लिए बिछाई गई लाइनों की होगी पड़ताल, जनहित याचिका के बाद एमडी यूपीसीएल ने अभी तक हुए इलेक्ट्रिफिकेशन की जांच कराने का लिया फैसला

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यूएसनगर में बिल्डरों को दिए कनेक्शन की जांच से खुश नहीं एमडी यूपीसीएल, अब पूरे राज्य में होगी गलत बिजली कनेक्शनों की जांच, 2013 के बाद से बड़े बिल्डरों, प्रॉपर्टी डीलरों, कालोनाइजरों के लिए बिछाई गई लाइनों की होगी पड़ताल, जनहित याचिका के बाद एमडी यूपीसीएल ने अभी तक हुए इलेक्ट्रिफिकेशन की जांच कराने का लिया फैसला

देहरादून।

पूरे राज्य में बिल्डर, प्रापर्टी डीलर, कालोनाइजरों को दिए गए एक एक कनेक्शन की जांच पड़ताल होगी। 2013 से लेकर अभी तक के हुए इलेक्ट्रिफिकेशन कार्यों की जांच होगी। यूपीसीएल के सभी डिवीजनों की पड़ताल होगी। सबसे अधिक फोकस देहरादून, नैनीताल, हरिद्वार, यूएसनगर में कराए गए कार्यों की होगी।
यूपीसीएल की ओर से यूएसनगर, हल्द्वानी में बिल्डरों को कनेक्शन देने के मामले में गलत लाभ पहुंचाने और यूपीसीएल को नुकसान पहुंचाने के आरोप लगे थे। इसे लेकर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका भी दायर हुई। इस पर एमडी यूपीसीएल ने पहले यूएसनगर में बिल्डरों को दिए गए कनेक्शनों की जांच कराई। जांच रिपोर्ट से संतुष्ट न होने पर उन्होंने जवाबदेही करते हुए रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए। साथ ही यूपीसीएल के सभी डिवीजनों के कनेक्शनों की भी जांच के निर्देश दिए। हर डिवीजन में दिए गए कनेक्शनों की जांच एसई और एक्सईएन टेस्ट करेंगे।
नीरज खैरवाल, एमडी यूपीसीएल के अनुसार एक सही तस्वीर सामने आ सके, इसके लिए सभी डिवीजनों में हुए इलेक्ट्रिफिकेशन के कार्यों को लेकर रिपोर्ट मांगी गई है। ताकि सही तस्वीर सामने आ सके। साफ किया गया है कि रिपोर्ट में जवाबदेही भी तय की जाए।

ये लगे हैं आरोप
बिल्डरों, कालोनाइजरों के लिए अवैध प्लाटिंग पर बिजली लाइन बिछाने के साथ ट्रांसफार्मर लगाए गए। कोई चार्ज तक नहीं लिया गया। काम्प्लेक्स, कालोनियों में बिछी लाइनों, ट्रांसफार्मर लगाने में बड़ी गड़बड़ी कर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया। अवैध कालोनियों में ऊर्जा निगम की ओर से बिना मंजूरी लिए बिछने वाली लाइनों के खिलाफ दायर जनहित याचिका में एलटी विनियम 2013 के प्रावधानों के उल्लंघन का आरोप लगाया गया।

इन पहलुओं की होगी पड़ताल
जांच में देखना होगा कि जहां बिल्डरों को कनेक्शन दिए गए हैं, नया इलेक्ट्रिफिकेशन हुआ है, वहां क्या नियमों का पालन हुआ है। क्या बिल्डर के यहां लाइन यूपीसीएल ने बिछाई है। ऐसे में क्या पूरा पैसा जमा हुआ है। यदि लाइन बिल्डर ने स्वयं बिछाई है, तो क्या इसके लिए यूपीसीएल को 15 प्रतिशत सुपर विजन चार्ज जमा कराया गया है। रिपोर्ट देनी होगी कि क्या नियमों के विपरीत जाकर नवनिर्मित कालोनियों, विकसित कालोनियों में, व्यवसायिक काम्प्लेक्स में विद्युतीकरण का काम किया गया। क्या इसके लिए सम्बन्धित बिल्डरों से पूरा पैसा जमा कराया गया। एलटी विनियम 2013 लागू होने से 2019-20 के बीच कुल कितनी नवनिर्मित, विकसित कालोनियों, काम्प्लेक्स में विद्युतीकरण का काम हुआ, इसका भी ब्यौरा देना होगा।

एसई की रिपोर्ट में गड़बड़ी, चीफ में लीपापोती
यूएसनगर की गड़बड़ियों पर पहले एसई काशीपुर की रिपोर्ट में साफ किया गया था कि गलत तरीके से कालोनियों, काम्प्लेक्सों में लाइन बिछाई गई। न ही किसी स्तर पर इसकी मंजूरी ली गई। न ही विभाग में पैसा जमा कराया गया, न ही सुपर विजन चार्ज जमा हुआ। इस रिपोर्ट को पूर्व एमडी ने ठंडे बस्ते में डाल दिया। नये एमडी ने मुख्य अभियंता यूएसनगर से जांच कराई, लेकिन ठोस जांच नहीं हो पाई। सूत्रों की माने तो एमडी तक असल रिपोर्ट पहुंचती, उससे पहले ही उसे कई बार बदलवाया गया।

ये इलाके रहेंगे निशाने पर
देहरादून में रायपुर, सहस्त्रधारा रोड, धोरण, आमवाला, नागल, बंजारावाला, शिमला बाईपास, ऋषिकेश, श्यामपुर, थानो, रानीपोखरी, भोगपुर, भानियावाला, डोईवाला, हरिद्वार पथरी, शिवालिकनगर, ज्वालापुर, रोशनाबाद, जसपुर, बाजपुर, गदरपुर, हल्द्वानी कमलुआगांजा, हल्द्वानी ट्रांसपोर्टनगर, रामनगर में बेलपड़ाव

क्या है नियम
किसी भी नई कालोनी में ट्रांसफार्मर की मंजूरी के लिए मुख्यालय में निदेशक से लेकर एमडी तक की मंजूरी जरूरी
कालोनी में बिजली की लाइन, पोल यदि ऊर्जा निगम बिछाता है ,तो पूरा पैसा बिल्डर को जमा करना होता है
यदि कालोनाइजर स्वयं लाइन बिछाता है, तो 15 प्रतिशत सुपरविजन चार्ज जमा कराना होगा, उसकी भी मंजूरी लेनी होगी
इस स्थिति में ट्रांसफार्मर की भी पूरी कीमत जमा करनी होगी, अन्य काम अपने खर्चे पर करने होंगे

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