आम जनता का बिजली बिल 30 हजार, बिजली वालों का 1200 रुपये

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आम जनता का बिजली बिल 30 हजार, बिजली वालों का 1200 रुपये
ऊर्जा के तीनों निगमों के बिजली कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए बिजली की नई दरें और बिजली खर्च की सीमा तय
जीटी रिपोर्टर, देहरादून
आम जनता को जहां 500 यूनिट बिजली के लिए हर महीने 2500 रुपये से ज्यादा खर्च करने पड़ते हैं। वहीं बिजली कर्मचारियों को यही सुविधा महज 100 रुपये में मिलेगी। पॉवर सेक्टर के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को 100 रुपये में 500 यूनिट खर्च करने की सुविधा दी गई है। इस तरह यदि वो साल भर में 6000 यूनिट बिजली खर्च करता है, तो उसे सिर्फ 1200 रुपये देने होंगे, जबकि आम जनता को इसी 6000 यूनिट के 30 हजार रुपये देने पड़ते हैं।
हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका के बाद तीनों निगमों के प्रबंधन स्तर पर कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए रेट तय किए गए। तीनों निगमों के बोर्ड से भी प्रस्ताव पास कराया जा चुका है। अब जुलाई महीने से ये नई दरें लागू होने जा रही हैं। जुलाई अगस्त के बाद सितंबर में आने वाला बिल नई दर पर ही आएगा। अब चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को हर महीने 100 रुपये बिल देना होगा। बदले में उसे 500 यूनिट तक बिजली खर्च का अधिकार होगा। इससे ज्यादा खर्च पर आम जनता के अनुसार बिल देना होगा। नई दरें एक जुलाई से लागू किए जाने के विधिवत आदेश यूपसीएल प्रबंधन ने अब जाकर जारी कर दिए हैं।

श्रेणी बिल(रुपये) बिजली यूनिट कर्मचारी(सालाना) पेंशनर्स यूनिट सालाना
चतुर्थ श्रेणी 100 6000 3000
तृतीय श्रेणी 150 6500 3250
जेई 270 7000 3500
एई 375 7500 3750
एसई 525 8000 4000
जीएम 640 9000 4500

अब लगाने होंगे सभी को बिजली के मीटर
अब राज्य में बिजली कर्मचारी और पेंशनर्स के घरों में शत प्रतिशत बिजली मीटर अनिवार्य कर दिए गए हैं। अभी तक कर्मचारी, पेंशनर्स बिना बिजली मीटर के ही बेहिसाब बिजली खर्च करते थे। कई बार नियामक आयोग भी इस सम्बन्ध में सख्त आदेश जारी कर चुका है। इसके बाद भी यूपीसीएल की ओर से सुध नहीं ली जा रही थी। अब हाईकोर्ट के आदेश पर प्रबंधन की नींद टूटी है।

नाराज हैं बिजली कर्मचारी
ऊर्जा कामगार संगठन समेत तमाम दूसरे कर्मचारी बिजली बिल की नई व्यवस्था से खुश नहीं हैं। अध्यक्ष राकेश शर्मा ने कहा कि हर विभाग अपने कर्मचारियों को सुविधा देता है। बेहतर यही होता कि पूर्व की राज्य विद्युत परिषद की न्यूनतम भुगतान की व्यवस्था को ही लागू रखा जाता। जो लोग दुरुपयोग करते हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई हो। ऊर्जा ऑफिसर्स सुपरवाइजर्स एंड स्टाफ एसोसिएशन के अध्यक्ष डीसी गुरुरानी ने कहा कि बिजली कर्मचारियों को राहत मिलनी चाहिए थी। क्योंकि सबसे मुश्किल और विपरीत हालात में अपनी जान जोखिम में डाल कर बिजली कर्मचारी जनता तक बिजली पहुंचाते हैं।

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