कर्मचारियों को मंजूर नहीं पर्यटन निगमों के एकीकरण का मौजूदा फार्मूला, कर्मचारी सुंदरम फार्मूले पर अड़े, पर्यटन विकास परिषद से मंजूर हुए प्रस्ताव को सिरे से किया खारिज, दोनों निगमों के कर्मचारी संगठनों का कर्मचारियों को पर्यटन विकास परिषद में मर्ज करने की मांग 

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कर्मचारियों को मंजूर नहीं पर्यटन निगमों के एकीकरण का मौजूदा फार्मूला, कर्मचारी सुंदरम फार्मूले पर अड़े, पर्यटन विकास परिषद से मंजूर हुए प्रस्ताव को सिरे से किया खारिज, दोनों निगमों के कर्मचारी संगठनों का कर्मचारियों को पर्यटन विकास परिषद में मर्ज करने की मांग

देहरादून।

पर्यटन विभाग के दोनों निगमों के कर्मचारियों को पूर्व पर्यटन सचिव आर मिनाक्षी सुंदरम का ही फार्मूला मंजूर है। इसमें कर्मचारियों के समक्ष तीन विकल्प रखे गए थे। इसमें एक दोनों निगमों का पर्यटन विकास परिषद में मर्ज करना रहा। दूसरा दोनों निगमों के प्रबंधन का एकीकरण और तीसरा दोनों निगमों का सीधे एकीकरण शामिल रहा। कर्मचारी परिषद में मर्ज होने को तैयार थे।
पर्यटन के दोनों निगमों जीएमवीएन, केएमवीएन के एकीकरण को लेकर कर्मचारियों को मौजूदा फार्मूला तैयार नहीं है। पर्यटन विकास परिषद की बोर्ड बैठक में फार्मूला दिया गया कि दोनों निगमों के प्रबंधन को मिला कर एक नई कंपनी का गठन किया जाएगा। मसलन दोनों निगमों के बोर्ड का एकीकरण हो जाएगा। शेष कर्मचारी और पूरा सिस्टम पूर्व की तरह अलग अलग काम करता रहेगा। इस फार्मूले को कर्मचारी संगठनों ने सिरे से खारिज कर दिया है।
कर्मचारियों का सीधा सा सवाल है कि आखिर इस नये फार्मूले से क्या लाभ होगा। पर्यटन के विकास से लेकर राज्य को किस तरह पर्यटन सेक्टर में सुधार हो सकेगा। अभी भी सब कुछ पर्यटन विकास परिषद से हो रहा है, तब भी सब कुछ पर्यटन विकास परिषद से ही होगा। जीएमवीएन केएमवीएन संयुक्त कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष दिनेश गुरुरानी ने कहा कि कर्मचारियों को विश्वास में लिए बिना ही ये फैसला किया गया है। इसे मंजूर करने का सवाल ही पैदा नहीं होता। क्योंकि इससे कुछ नहीं बदलने वाला।

एकीकरण सिर्फ पर्यटन विकास परिषद में ही मंजूर होगा। पहले ही कर्मचारी संगठनों के पक्ष को नहीं सुना गया। बेहतर होता कि पहले कर्मचारियों से जुड़े मसले सुलझाए जाते। प्रदेश भर के कर्मचारियों को एकजुट कर मोर्चा खोला जाएगा।
दिनेश गुरुरानी, अध्यक्ष जीएमवीएन केएमवीएन संयुक्त कर्मचारी संघ

मौजूदा फार्मूले में एकीकरण तो हो ही नहीं रहा है। एकीकरण से पहले दोनों निगमों के कर्मचारियों की वेतन विसंगतियां दूर की जाएं। संगठनों से बात की जाए। बताया जाए कि पर्यटन सेक्टर को क्या लाभ होगा। किसी भी सीधी कार्रवाई का विरोध होगा।
आशीष उनियाल, महासचिव जीएमवीएन कर्मचारी संगठन

अभी दोनों निगमों से प्रस्ताव आने हैं। उनका शासन स्तर पर परीक्षण होना है। इसके बाद ही कुछ तय होगा। कर्मचारी संगठनों को भी विश्वास में लेकर ही अंतिम फैसला लिया जाएगा। किसी को भी चिंतित होने की जरूरत नहीं है।
दिलीप जावलकर, सचिव पर्यटन

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