बिजली चोरी कराने वाले इंजीनियरों का खामियाजा भुगतेंगे यूपीसीएल के काम करने वाले इंजीनियर, बिजली चोरों के कारण हर साल लगता है 1000 करोड़ का नुकसान, बिजली बिल वसूली में भी बड़े बकाएदारों पर दिखाई जाती है दरियादिली 

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बिजली चोरी कराने वाले इंजीनियरों का खामियाजा भुगतेंगे यूपीसीएल के काम करने वाले इंजीनियर, बिजली चोरों के कारण हर साल लगता है 1000 करोड़ का नुकसान, बिजली बिल वसूली में भी बड़े बकाएदारों पर दिखाई जाती है दरियादिली

देहरादून।

बिजली चोरी कराने वाले इंजीनियरों का खामियाजा यूपीसीएल के काम करने वाले इंजीनियर भुगतेंगे। बिजली चोरों के कारण हर साल यूपीसीएल को 1000 करोड़ का नुकसान होता है। इसके साथ ही बिजली बिल वसूली में भी बड़े बकाएदारों पर दरियादिली दिखाई जाती है।
यूपीसीएल में हर साल करीब 1000 हजार करोड़ का लाइन लॉस होता है। इसमें एक बड़ा हिस्सा बिजरी चोरी का है। हरिद्वार, रुड़की, यूएसनगर में काशीपुर, बाजपुर, किच्छा, पंतनगर, पौड़ी में कोटद्वार समेत तमाम दूसरे ऐसे डिवीजन जहां फर्नेश समेत तमाम दूसरे उद्योग हैं। वहां सबसे अधिक बिजली चोरी होती है। इन डिवीजनों में बिजली चोरी का खामियाजा अब पूरे स्टेट के इंजीनियरों को भुगतना होगा।
यूपीसीएल में हर साल बड़े उद्योगों, राइस मिल, एग्रो फूड कंपनियों के बिल वसूली में भी लापरवाही बरती जाती है। हर साल स्टील कंपनियां पहले तो समय पर बिजली बिल जमा नहीं करातीं, बाद में इन्हें किश्तों में भुगतान की सुविधा दी जाती है। ऐसे ही कई मामले यूपीसीएल के गले पड़े हुए हैं। यूएसनगर, हरिद्वार में 50 लाख से लेकर 50 करोड़ तक का बकाया भुगतान न करने वाली कई फैक्ट्रियां हैं, जिन पर यूपीसीएल के इंजीनियरों की सालों से मेहरबानी बनी हुई है।

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