बिजली चोरों में नये एमडी का खौफ, अचानक कई के जले मीटर, कई में आई खराबी, हरिद्वार में कई उद्योगों ने एक सप्ताह के भीतर बदलवाए मीटर
जीटी रिपोर्टर, देहरादून
एमडी यूपीसीएल के पद पर तेज तर्रार, ईमानदार आईएएस अफसर डा. नीरज खैरवाल की तैनाती का असर साफ दिखने लगा है। नये एमडी के आते ही सबसे ज्यादा खौफ बिजली चोरी करने और कराने वालों में नजर आ रहा है। हरिद्वार जिले में बिजली चोरी के लिहाज से हमेशा संदिग्ध माने जाने वाले कई उद्योगों के मीटर अचानक खराब हो गए हैं। किसी का मीटर जल गया है, तो किसी के मीटर ने अचानक काम करना बंद कर दिया है। गोली की रफ्तार से इन मीटर को बदलने में रत्ती भर की भी देरी नहीं की। उत्तराखंड में बिजली चोरी के लिहाज से हरिद्वार और यूएसनगर दो जिले सबसे अधिक संवेदनशील माने जाते हैं। यहां हर साल कम से कम एक हजार करोड़ से ज्यादा की बिजली चोरी होती है। कई अफसर इस बिजली चोरी को भी एक बड़ी इंडस्ट्री बताने से गुरेज नहीं करते। अब निजाम बदलते ही इन्हीं इंजीनियरों और बिजली चोरों की हवाईयां उड़ी हैं।
मीटर पर हाथ लगाने की हिम्मत नहीं कर पाए थे अफसर
पिछले साल हरिद्वार में एक उद्योग में बिजली चोरी की शिकायत हुई। छापा पड़ा, मीटर सीज हुआ। मीटर को जांच के लिए देहरादून आराघर टेस्ट डिवीजन लाया गया। इस मीटर में किसी तरह की कोई छेड़छाड़ न हो, इसके लिए बाकायदा एक दूसरे उद्योग से जुड़े सुरक्षा में जुटे रहे। 24 घंटे लैब के बाहर प्राइवेट पहरा रहा। न तो यूपीसीएल ने अपने सरकारी परिसर में किसी बाहरी व्यक्ति की एक सप्ताह तक 24 घंटे पहरेदारी पर एतराज किया। न ही उस मीटर को हाथ लगाने की हिम्मत जुटाई। दस दिन से ज्यादा का समय निकलने पर सचिव ऊर्जा राधिका झा ने जब अफसरों को फटकार लगाई, तो मीटर की पड़ताल हुई। हालांकि तब तक 24 घंटे पहरा देने वाले भी मैनेज हो चुके थे। और उस जांच की कोई वैधानिकता भी नहीं बची थी। क्योंकि 15 दिन से ज्यादा समय के बाद जांच होने का कोई औचित्य नहीं था।