पूर्व सीएम हरीश रावत बोले, ये नये रावत, तो पुराने वाले से भी ज्यादा चालाक, सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर ही लूट लेते हैं वाहवाही, कोरोना काल के मुकदमे वापस लेने पर सीएम को घेरा, बोले अपनी ही सरकार के फैसलों की चौराहों पर तोड़ रहे हैं हड्डी 

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पूर्व सीएम हरीश रावत बोले, ये नये रावत, तो पुराने वाले से भी ज्यादा चालाक, सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर ही लूट लेते हैं वाहवाही, कोरोना काल के मुकदमे वापस लेने पर सीएम को घेरा, बोले अपनी ही सरकार के फैसलों की चौराहों पर तोड़ रहे हैं हड्डी

देहरादून।

कोरोना काल में नियमों की अनदेखी करने वालों पर मुकदमे दर्ज हुए। इन मुकदमों को वापस लेने पर सीएम तीरथ रावत के बयान पर पूर्व सीएम हरीश रावत ने कटाक्ष किया। बोले की इस बार वाले नये रावत तो पुराने वाले रावत से भी अधिक चालाक हैं। वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर वाहवाही लूट रहे हैं। दूसरी ओर अपनी ही सरकार के पूर्व के फैसलों की चौराहों पर हड्डी तोड़ रहे हैं।
पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि यदि आप मुझ पर रावतबाजी का आरोप न लगाएं तो मैं इतना कहने की इजाजत चाहता हूं कि जो रावत आए हैं, वो गये हुये रावत से ज्यादा चालाक है, न केवल पुराने रावत के कुछ फैसलों की हड्डियां चौराहे में फोड़ करके वाही-वाही बटोर रहे हैं। बल्कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को भी अपना फैसला बता करके जनता की भी वाही-वाही बटोरने से चूक नहीं रहे हैं। मुख्यमंत्री बार बार कह रहे हैं कि मैंने कोविड-19 दौरान लगे हुए सभी मुकदमों को वापस ले लिया है। जबकि हकीकत ये है कि ये केंद्रीय कानून है, उसके मुकदमों को सीएम वापस नहीं ले सकते थे। उनको वापस लेने का जब तक न्यायिक निर्णय नहीं होता है, कोई उसमें बदलाव नहीं कर सकता है। वो न्यायिक निर्णय हो चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में सभी राज्यों को निर्देश दिये हैं कि वो कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान लगे हुये मुकदमों को वापस लें। ये निर्णय कांग्रेस शासित राज्य, विपक्ष शासित राज्य तो दूसरे दिन ही ले चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश जारी होते ही, यूपी ने भी बहुत पहले ही ले लिया है। उत्तराखंड में इस पर अब अमल किया जा रहा है। ऐसे में राज्य सरकार को इसका श्रेय नहीं जाता।

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