कर्मचारियों को शिथिलीकरण का लाभ नहीं, तो कैसे बनाए जा रहे हैं प्रभारी सचिव, सचिवालय संघ ने उठाए सवाल
देहरादून। राज्य में कर्मचारियों को शिथिलीकरण का लाभ नहीं मिल रहा है। तो आईएएस अफसरों को किस आधार पर प्रभारी सचिव का जिम्मा दिया जा रहा है। वो भी तब जबकि डीओपीटी में प्रभारी सचिव नाम की कोई व्यवस्था ही नहीं है। सचिवालय संघ ने इस मसले पर सवाल उठाते हुए शासन की घेरेबंदी की। सचिवालय में फील्ड के जूनियर अफसरों को अपर सचिव का जिम्मा देने पर भी सवाल खड़े किए। कहा कि इस आधार पर सचिवालय संवर्ग के अफसरों को भी फील्ड में विभागाध्यक्षों के रूप में जिम्मेदारी दी जाए।
सचिवालय संघ की शुक्रवार को हुई बैठक में कई बिंदुओं पर शासन की कार्यशैली पर सवाल उठाए गए। अध्यक्ष दीपक जोशी ने कहा कि सचिवालय संवर्ग के अपर सचिवों को उनकी वरिष्ठता के आधार पर विभाग आवंटित नहीं हो रहे हैं। सचिवालय संवर्ग के अफसरों को मानक अनुसार कार्य आवंटन नहीं हो रहा है। वित्त सेवा के अफसरों की तरह 12 वर्ष की सेवा पर उच्चीकृत वेतनमान दिया जाए। केंद्रीय सचिवालय की तरह कार्य नियमावली और मानक के आधार पर कार्य आवंटन हो। कहा कि सभी अनुसचिवों को दो अनुभाग, उप सचिवों को चार, संयुक्त सचिव को आठ अनुभाग का जिम्मा दिया जाए। महासचिव राकेश जोशी ने कहा कि सचिवालय अफसरों को बेवजह टारगेट किया जा रहा है। तबादला को लेकर पारदर्शी नीति बनाई जाए।
अफसरों ने बैठक में लिया हिस्सा
संरक्षक नरेंद्र प्रसाद रतूड़ी, रीता कौल, अपर सचिव प्रदीप रावत, राजेंद्र नगन्याल, धीरेंद्र सिंह, सुमन सिंह वल्दिया, रमेश कुमार, गरिमा रौंकली, मायावती ढकरियाल, संयुक्त सचिव महिमा, वीरेंद्रपाल, ओमकार सिंह, आरके तोमर, जेएल शर्मा, संजय टोलिया, सुनील सिंह, एमएम सेमवाल, लक्ष्मण सिंह, उपसचिव प्रदीप मोहन, अनिल पांडे, रणजीत सिंह, जीवन चंद्र, भूपेंद्र बोरा, एसएस त्रिपाठी, आलोक सिंह, पीसी जोशी, वीरेंद्र नारायण सिंह, अनुसचिव वंदना डंगवाल, जसविंदर कौर, दिनेश पुनेठा, रतनलाल, उल्लास भटनागर, देवेंद्र चौहान, हीरा सिंह, आशुतोष शुक्ल, सुनील कुमार, निर्मल कुमार आदि मौजूद रहे।