एक दिन की वेतन कटौती पर तत्काल लगे रोक, कर्मचारी संगठन हुए लामबंद 

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एक दिन की वेतन कटौती पर तत्काल लगे रोक, कर्मचारी संगठन हुए लामबंद

देहरादून।

कोरोना संकट के दौर में कर्मचारियों के वेतन से एक दिन की कटौती की जा रही है। इसी के साथ महंगाई भत्ते में भी बढ़ोत्तरी को रोक दिया गया है। वेतन कटौती का कर्मचारी संगठनों के स्तर से जबरदस्त विरोध हो रहा है। इसी दबाव में सरकार डॉक्टरों समेत अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को इस कटौती से राहत देने की तैयारी में है। ऐसे में अन्य कर्मचारी संगठन भी अब वेतन कटौती को बंद कराने को सक्रिय हो गए हैं।
प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ को मुख्यमंत्री स्तर से भी वेतन कटौती रोकने का आश्वासन मिल चुका है। स्वास्थ्य महानिदेशालय से भी प्रस्ताव तैयार होकर शासन भेजा जा रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य के सभी बड़े कर्मचारी संगठनों ने कर्मचारियों के वेतन से कटौती बंद किए जाने की मांग की है। उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी समन्वय मंच, उत्तराखंड पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, उत्तरांचल फैडरेशन ऑफ मिनिस्टिरियल सर्विसेज एसोसिएशन, राज्य निगम कर्मचारी महासंघ, उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ ने भी वेतन से एक दिन की कटौती के आदेश को वापस लेने की मांग की। संगठन पदाधिकारियों का कहना है कि कोरोना संकट के दौर में सभी सरकारी और निगम कर्मचारी अपना शत प्रतिशत योगदान दे रहे हैं। बिजली, पानी, रोडवेज, पर्यटन, राजस्व समेत हर कर्मचारी कोरोना महामारी से निपटने में अपना योगदान दे रहा है। ऐसे में वेतन कटौती बंद की जाए।

एक दिन की वेतन कटौती तत्काल बंद की जाए। डीए फ्रीज किए जाने के निर्णय को भी वापस लिया जाए। सरकार मंत्री, विधायकों, दायित्वधारियों की सुविधाएं कम करे।
पूर्णानंद नौटियाल, प्रांतीय प्रवक्ता अधिकारी कर्मचारी समन्वय मंच

कोरेाना संकट में सबसे बड़ी भूमिका कर्मचारियों की है। ऐसे में एक दिन की वेतन कटौती से उनके मनोबल पर असर पड़ रहा है। सरकार उनका उत्साह बढ़ाने को कटौती तत्काल बंद करे।
अरुण पांडे, कार्यकारी महामंत्री राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद

सड़क, बिजली, पानी समेत हर सेक्टर में इंजीनियर कोरोना महामारी के दौर में भी जोखिम उठा कर काम कर रहे हैं। ऐसे में वेतन कटौती नहीं होनी चाहिए। इसे वापस लिया जाए।
अजय बेलवाल, महासचिव डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ

कोविड केयर सेंटर तक पानी पहुंचा हो या फिर जोखिम के दौर में यात्रियों को रोडवेज बसों से उनके गंतव्य तक पहुंचाना, हर सेक्टर में कर्मचारी ही काम कर रहे हैं। अपनी जान की परवाह किए बिना अपनी भूमिका का जिम्मेदारी से निर्वहन करने वालों का वेतन न काटा जाए।
सूर्यप्रकाश राणाकोटी, महासचिव राज्य निगम कर्मचारी महासंघ

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