सीएम त्रिवेन्द्र की रिर्वस पलायन मुहिम का असर, समाजसेवी राकेश बिजल्वाण पहाड़ पर बनाएंगे घर
पर्वतीय क्षेत्रों में युवाओं को रोजगार देने के बाद अब पहाड़ों में बनायेंगे अपना आशियाना
जीटी रिपोर्टर, देहरादून
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि जागरूक लोगों का पहाड़ में रहना जरूरी है तभी वहां का विकास होगा। बता दें कि सीएम ने ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के नजदीक सारकोट गांव के देवीधार तोक में स्थानीय निवासी जमन सिंह से छह नाली भूमि खरीदी है। इस पहल के माध्यम से मुख्यमंत्री ने रिवर्स पलायन को लेकर बड़ा संदेश दिया है। सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि मैंने कोशिश की है कि पलायान वापस हो। यानी लोग अपने गांव की ओर आएं और राज्य की विकास में अपना योगदान करें। दूरस्थ क्षेत्रों में विकास तभी पहुंच पाएगा, जब वहां पर जागरूक लोग रहेंगे। विकास के लिए बहुत जरूरी है वहां पर लोकल इन्वेस्टर हों। मैंने इस दिशा में एक कोशिश की है। मैं बताना चाहता है कि दूरस्थ क्षेत्रों में बहुत स्कोप है, लेकिन जो हम देहरादून में करना चाहते हैं वह वहां संभव नहीं है। हमें वहां की परिस्थिति और प्रकृति ने जो संसाधन गिफ्ट के तौर पर दिया है का दोहन करें तो विकास की पर्याप्त संभावनाएं हैं। हम जब पहाड़ की बात करें तो दूरस्थ क्षेत्रों में विकास की बात करते हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वह गैससैंण में आवास बनाएंगे। कहा, मेरी कोशिश होगी कि कुछ और लोग भी वहां पर जाएं।
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि साहसिक पर्यटन में युवाओं के लिए स्वरोजगार की काफी संभावनाएं हैं। राज्य सरकार साहसिक पर्यटन के नए केंद्र विकसित करने के प्रयास कर रही है। हमारी कोशिशें सफल होती भी दिख रही हैं। योजना के तहत ऐसी ही एक कोशिश पौड़ी जिले की नयार घाटी में की गई है। सतपुली में एंगलिंग कैंप के साथ नयार घाटी में एडवेंचर स्पोर्ट्स यानी राफ्टिंग, कयाकिंग, एंगलिंग ,बर्ड वॉचिंग और पेरामोटरिंग पर्यटकों को आकर्षित करेंगे।
सीएम त्रिवेन्द्र की रिर्वस पलायन की मुहिम को आगे बढ़ाएगें समाजसेवी राकेश बिजल्वाण
पर्वतीय क्षेत्रों में युवाओं को रोजगार देने के बाद अब पहाड़ों में बनायेंगे अपना आशियाना
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की रिर्वस पलायन की अपील का असर होना शुरू हो गया है। समाजसेवी राकेश बिजल्वाण ने सीएम त्रिवेन्द्र के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने रिर्वस पलायन की शुरूआत खुद से की है जो कि हम सभी के लिये प्ररेणादायक है। अगर सूबे के मुखिया गैरसैंण में घर बनाकर रहेंगे तो वह सभी के लिये एक नजीर होगी। राकेश बिजल्वाण ने कहा कि वह लंबे समय से रिर्बस पलायन को लेकर पलायन एक चिंतन टीम के संरक्षक रतन असवाल जी के कुशल नेतृत्व में काम कर रहे हैं। रतन असवाल जी के द्वारा न सिर्फ स्थानीय युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ा जा रहा है साथ ही नयार घाटी में साहसिक पर्यटन की शुरूआत भी की गई है। जिसकी सराहना खुद मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत जी ने की है। उन्होंने कहा कि वह काफी पहले ही रिर्वस पलायन कर चुके हैं स्थानीय स्तर पर फार्मा के जरिए स्थानीय युवाओं को रोजगार से जोड़ रखा है। अब वह देहरादून को छोड़कर पहाड़ो पर ही बसने की योजना बना रहे हैं इसके लिये उन्होंने पौड़ी जिले के दुर्गम क्षेत्र घंडियाल को चुना है। वह वहां पर जमीन खरीद कर एक पहाड़ी शैली का घर बनाना चाहते हैं। जिसमें वह रह भी सके हैं और जिसका प्रयोग होम स्टे के तौर पर भी हो सके ताकि स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिल सके।