‘मन की बात’ के 68वें संस्करण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की सिक्यॉरिटी डॉग्स, ऐप्स और बच्चों के खिलौने पर बड़ी बातें
‘मन की बात’ के 68वें संस्करण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पोषण की जरूरत पर विस्तार से बात की। उन्होंने कहा कि पूरे देश में सितंबर को ‘न्यूट्रिशन मंथ’ के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने देसी ऐप्स के बारे में बताते हुए देशवासियों से अपील कि वे भी ‘आगे आएं, कुछ इनोवेट करें, कुछ इम्प्लीमेंट करें। आपके प्रयास, आज के छोटे-छोटे स्टार्ट-अप्स, कल बड़ी-बड़ी कंपनियों में बदलेंगे और दुनिया में भारत की पहचान बनेंगे।’ उन्होंने लोकल खिलौनों के लिए ‘वोकल’ होने की भी अपील की।
‘बच्चों के लोकल खिलौनों के लिए हों वोकल’
प्रधानमंत्री मोदी ने गांधीनगर की चिल्ड्रन यूनिवर्सिटी से मिले अनुभवों को साझा किया। उन्होंने बताया कि “हमने इस बात पर मंथन किया कि भारत के बच्चों को नए-नए खिलौने कैसे मिलें। भारत टॉय प्रॉडक्शन का बहुत बड़ा हब कैसे बने।” पीएम ने कहा कि ‘आप सोचिए कि जिस राष्ट्र के पास इतनी विरासत हो, परम्परा हो, विविधता हो, युवा आबादी हो, क्या खिलौनों के बाजार में उसकी हिस्सेदारी इतनी कम होनी, हमें, अच्छा लगेगा क्या? जी नहीं, ये सुनने के बाद आपको भी अच्छा नहीं लगेगा।’ उन्होंने कहा, “अब सभी के लिए लोकल खिलौनों के लिये वोकल होने का समय है। आइए, हम अपने युवाओं के लिये कुछ नए प्रकार के, अच्छी क्वालिटी वाले खिलौने बनाते हैं।”पीएम मोदी ने खिलौनों को बनाया हथियार, एक तीर से साधे कई निशाने
पीएम मोदी ने इन स्वदेशी एप्स का किया जिक्र, जानिए हर एप की खासियत
पीएम मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर app innovation challenge के results देखकर आप ज़रूर प्रभावित होंगे। काफी जाँच-परख के बाद, अलग-अलग category में लगभग दो दर्जन Apps को award भी दिए गये हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi)ने अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में वोकल फॉर लोकल की बात कही। मन की बात में पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना काल में नागरिकों में अपने दायित्वों का अहसास है। पीएम मोदी ने कुछ एप्स के भी नाम बताएं जोकि भारत के युवाओं ने ही डेवलप किए हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि भारतीयों के इनोवेशन और साल्यूशन देने की क्षमता का लोहा हर कोई मानता है और जब समर्पण भाव हो, संवेदना हो तो ये शक्ति असीम बन जाती है। इस महीने की शुरुआत में, देश के युवाओं के सामने, एक एप इनोवेशन चैलेंज रखा गया। उन्होंने कहा कि हो सकता है आप भी ऐसा कुछ बनाने के लिए प्रेरित हो जायें। इनमें एक ऐप है, कुटुकी किड्स लर्निंग ऐप। ये बच्चों के लिए ऐसा रोचक ऐप है जिसमें गानों और कहानियों के जरिए बच्चे मैथ साइंस में बहुत कुछ सीख सकते हैं। इसमें एक्टिवीटिज भी हैं, खेल भी।
पीएम मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर app innovation challenge के results देखकर आप ज़रूर प्रभावित होंगे। काफी जाँच-परख के बाद, अलग-अलग category में लगभग दो दर्जन Apps को award भी दिए गये हैं।
fitness App
एक और app है, step set go। ये fitness App है। आप कितना चले, कितनी calories burn की, ये सारा हिसाब ये app रखता है और आपको fit रहने के लिये motivate भी करता है।
Ask सरकार एप
इसमें chat boat के जरिए आप interact कर सकते हैं और किसी भी सरकारी योजना के बारे में सही जानकारी हासिल कर सकते हैं, वो भी text, audio और video तीनों तरीकों से। ये आपकी बड़ी मदद कर सकता है।
कू – K OO कू एप
इसी तरह एक micro blogging platform का भी app है। इसका नाम है कू – K OO कू । इसमें, हम, अपनी मातृभाषा में text, video और audio के जरिए अपनी बात रख सकते हैं, interact कर सकते हैं ।
“कुटुकी kids learning app
“इनमें एक App है, कुटुकी kids learning app. ये छोटे बच्चों के लिए ऐसा interactive app है जिसमें गानों और कहानियों के जरिए बात-बात में ही बच्चे math science में बहुत कुछ सीख सकते हैं। इसमें activities भी हैं, खेल भी हैं।”
सिक्यॉरिटी डॉग्स को पीएम मोदी का सलाम
‘मन की बात’ के इस संस्करण में पीएम मोदी ने सुरक्षाबलों के दो जांबाज किरदारों का भी जिक्र किया। ये हैं सोफी और विदा। दोनों भारतीय सेना के श्वान हैं। इन सिक्यॉरिटी डॉग्स को ‘चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ कमेंडेशन कार्ड्स’ से सम्मानित किया गया है। पीएम मोदी ने कहा, “मुझे यह बताया गया कि भारतीय ब्रीड के डॉग्स भी बहुत अच्छे होते हैं, बहुत सक्षम होते हैं। इंडियन ब्रीड्स में मुधोल हाउंड हैं, हिमाचली हाउंड है, ये बहुत ही अच्छी नस्लें हैं। राजापलायम, कन्नी, चिप्पीपराई, और कोम्बाई भी बहुत शानदार इंडियन ब्रीड्स हैं।” उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा, “अगली बार, जब भी आप, डॉग पालने की सोचें, आप जरुर इनमें से ही किसी इंडियन ब्रीड्स के डॉग को घर लाएं।”
भारतीय कृषि कोष हो रहा तैयार
पोषण माह पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “नैशन और न्यूट्रिशन का बहुत गहरा संबंध होता है । हमारे यहां एक कहावत है – “यथा अन्नम तथा मन्न्म” यानी, जैसा अन्न होता है, वैसा ही हमारा मानसिक और बौद्धिक विकास भी होता है।” उन्होंने बताया कि पोषण माह के दौरान MyGov portal पर एक food and न्यूट्रिशन क्विज भी आयोजित की जाएगी, और साथ ही एक मीम कॉम्प्टीशन भी होगा। पीएम मोदी ने कहा कि ‘भारतीय कृषि कोष’ में हर एक जिले में क्या-क्या फसल होती है, उनकी न्यूट्रिशनल वैल्यू कितनी है, इसकी पूरी जानकारी होगी।
नागरिकों में जिम्मेदारी का एहसास
प्रधानमंत्री से ‘मन की बात’ के शुरुआत में कहा, “आमतौर पर ये समय उत्सव का होता है, जगह-जगह मेले लगते हैं, धार्मिक पूजा-पाठ होते हैं। कोरोना के इस संकट काल में लोगों में उमंग तो है, उत्साह भी है, लेकिन, हम सबको मन को छू जाए, वैसा अनुशासन भी है। बहुत एक रूप में देखा जाए तो नागरिकों में दायित्व का एहसास भी है। लोग अपना ध्यान रखते हुए, दूसरों का ध्यान रखते हुए, अपने रोजमर्रा के काम भी कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि ‘गणेशोत्सव भी कहीं ऑनलाइन मनाया जा रहा है, तो, ज्यादातर जगहों पर इस बार इकोफ्रेंडली गणेश जी की प्रतिमा स्थापित की गई है।’