जूनियर इंजीनियरों को एक प्रमोशन तक नसीब नहीं, सीएम को बताई हकीकत
जीटी रिपोर्टर देहरादून।
उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ ने विभागीय प्रमोशन की बदतर स्थिति के सम्बन्ध में सीएम त्रिवेंद्र रावत को हकीकत बताई। पत्र लिख कर जानकारी दी कि 20 प्रतिशत जूनियर इंजीनियरों को पूरे सेवाकाल में एक प्रमोशन तक नहीं मिलता। उन्हें बिना प्रमोशन के ही रिटायर होना पड़ता है।
प्रमोशन की स्थिति को लेकर महासंघ के अध्यक्ष हरीश चंद्र नौटियाल ने कहा कि डिप्लोमा इंजीनियरों को पूरे सेवाकाल में तीन प्रमोशन नहीं मिल रहे हैं। सातवें वेतनमान में एसीपी की व्यवस्था 10, 20, 30 वर्ष किए जाने के बाद अब प्रमोशन की उम्मीद टूट गई है। कहा कि 60 प्रतिशत ही जूनियर इंजीनियर ऐसे हैं, जिन्हें सहायक अभियंता पद पर पहला प्रमोशन मिल पाता है। 20 प्रतिशत लोग ही दूसरा प्रमोशन पाकर अधिशासी अभियंता बन पाते हैं। इसके अलावा शेष 20 प्रतिशत बिना प्रमोशन के ही रिटायर हो जाते हैं। इसी समस्या को देखते हुए महासंघ लंबे समय से पूरे सेवाकाल में तीन सुनिश्चित पदोन्नति या 10, 16, 26 वर्ष की सेवा के बाद तीन प्रोन्नत वेतनमान का लाभ देने की मांग कर रहा है।
महासचिव अजय बेलवाल ने कहा कि यूपी के समय 14 वर्ष पर पहला, 24 वर्ष पर दूसरा प्रोन्न्नत वेतनमान का लाभ मिलता था। जो राज्य गठन के बाद 2008 तक भी मिलता रहा। 2009 में इसे बंद कर दिया गया। कर्मचारी संगठनों के दबाव में 2013 में इसे दोबारा शुरू किया गया, लेकिन सातवें वेतनमान में इसे फिर बंद करते हुए 10, 20, 30 वर्ष पर एसीपी लागू की गई। इससे कर्मचारियों को बड़ा नुकसान हो रहा है। सभी कर्मचारी संगठन इस मांग को लेकर लामबंद हैं। जल्द मांग पूरी न होने पर आंदोलन को बहुत ज्यादा दिन तक नहीं टाला जा सकता है।