आठ सितंबर को डॉक्टरों के सामूहिक इस्तीफे, कौन करेगा कोरेाना में इलाज
जीटी रिपोर्टर देहरादून।
प्रांतीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संघ की कार्यकारणी की बैठक में एक सितंबर से काली पट्टी बांध आंदोलन का ऐलान किया गया। आठ सितंबर को सभी डॉक्टर सामूहिक त्यागपत्र देंगे। क्टरों में नाराजगी इस बात को लेकर है कि वो पूरी ईमानदारी और मेहनत के साथ काम करने के बाद भी उनका वेतन काटा जा रहा है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ नरेश नपल्च्याल और महासचिव डॉ मनोज वर्मा ने कहा कि जिस समय सरकार को प्रोत्साहन देना चाहिए। उस समय वेतन काटा जा रहा है। तत्काल वेतन कटौती बंद कर जोखिम भत्ता दिया जाए। डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद भी पीजी कर रहे डॉक्टरों को पूरा वेतन न देने पर भी नाराजगी जताई। संघ ने अस्पतालों में सुविधाओं की कमी का ठीकरा डॉक्टरों पर फोड़े जाने का भी विरोध किया है। संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि अस्पतालों में मरीजों की मौत के लिए हर बार डॉक्टरों को जिम्मेदार ठहराया जाता है। जबकि यदि अस्पताल में सुविधाएं नहीं होगी तो अकेला डॉक्टर मरीज को कैसे बचा सकता है। मांग की गई कि अस्पतालों में सुविधाओं का विकास कर डॉक्टरों को सुविधा दी जाए। कहा कि सरकार अस्पतालों में आईपीएचएस मानकों के अनुसार डॉक्टरों की भर्ती तो कर रही है। लेकिन उस अनुपात में सुविधाओं और अन्य कर्मचारियों की तैनाती नहीं हो पा रही। उन्होंने अस्पतालों में प्रशासनिक हस्तक्षेप का विरोध भी किया और डॉक्टरों की गरिमा का ध्यान रखे जाने की मांग की। इस अवसर पर संयोजक डॉ आनंद शुक्ला, उपाध्यक्ष डॉ प्रदीप राणा, कोषाध्यक्ष डॉ पीएस रावत, दून शाखा के अध्यक्ष डॉ पंकज शर्मा, देहरादून शाखा के सचिव डॉ प्रवीण पंवार, डॉ तुहिन कुमार आदि मौजूद थे।