लगातार बारिश और भूस्खलन के कारण उत्तराखंड में 75 से अधिक सड़कों पर आवाजाही ठप है।

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लगातार बारिश और भूस्खलन के कारण उत्तराखंड में 75 से अधिक सड़कों पर आवाजाही ठप है।
जी टी रिपोर्टर देहरादून
लगातार बारिश और भूस्खलन के कारण उत्तराखंड में 75 से अधिक सड़कों पर आवाजाही ठप है। अकेले पिथौरागढ़ जिले में करीब 40 मार्ग बंद हैं। गढ़वाल में बदरीनाथ, गौरीकुंड समेत कई अन्य प्रमुख मार्गों पर रुक-रुककर मलबा आने का सिलसिला जारी है। इसके अलावा मकान और पुस्ते ढहने के कारण भी काफी नुकसान हुआ है। 
मौसम विभाग की ओर से अगले दो दिन पिथौरागढ़, बागेश्वर, चमोली, रुद्रप्रयाग, देहरादून, पौड़ी व नैनीताल में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। जिसके चलते शासन की ओर से भी उक्त जिलों में सतर्क रहने के निर्देश जारी किए गए हैं।
प्रदेश में बारिश का सिलसिला अगले हफ्ते तक जारी रहेगा। इस दौरान पर्वतीय जिलों में भारी बारिश की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार 20 अगस्त को प्रदेश के सभी जिलों में बारिश की संभावना है।
20 अगस्त को पिथौरागढ़, बागेश्वर, चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों में कहीं-कहीं तीव्र दौर के साथ  भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। इस दौरान प्रदेश में कहीं-कहीं आकाशीय बिजली गिरने की भी संभावना है।
21 और 22 अगस्त को देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, नैनीताल, पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिलों में अधिकांश जगह बारिश होने की संभावना है। जबकि अन्य जिलों में अनेक जगह बारिश हो सकती है।
उत्तराखंड में मानसून चरम पर है और पहाड़ी क्षेत्र इसकी सबसे ज्यादा मार झेल रहे हैं। मंगलवार को भी पिथौरागढ़ के धारचूला, मुनस्यारी तहसील में भारी बारिश हुई। वहीं, अल्मोड़ा में बारिश व भूस्खलन के कारण रानीखेत-बदरीनाथ हाईवे पांचवें दिन भी बंद रहा। बागेश्वर में बारिश से तीन मकान क्षतिग्रस्त हो गए। यहां 13 सड़कों पर मलबा आने से यातायात ठप है। 
धारचूला क्षेत्र के जुम्मा गांव में भूस्खलन के बाद लापता भागीरथी देवी का मंगलवार देर शाम तक पता नहीं चल सका। वहीं, तहसील बंगापानी के भट्भटा, देवलेक में पड़ी दरारें चौड़ी होती जा रही हैं। यहां 16 से अधिक परिवारों ने मकान छोड़ दिए हैं। चीन सीमा को जोडऩे वाला लिपुलेख मार्ग 15 दिन बाद मंगलवार को खुल गया। अलबत्ता, सीमा को जोडऩे वाले तवाघाट-सोबला-तिदांग मार्ग और मुनस्यारी-मिलम मार्ग अब भी बंद हैं। 
बारिश से गढ़वाल में 35 संपर्क मोटर मार्ग बाधित हैं, जिससे ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 
मंगलवार की सुबह करीब आठ बजे गौरीकुंड हाईवे रुद्रप्रयाग से 45 किमी दूर गुप्तकाशी के पास शेरसी में मलबा आने से बंद हो गया। राष्ट्रीय राजमार्ग की टीम ने करीब चार घंटे बाद मलबा हटाकर आवाजाही सुचारू कराई। इसके अलावा जिले में 13 संपर्क मार्ग भी बंद हैं। गौचर में सुबह करीब 10 बजे कर्णप्रयाग-ऋषिकेश राजमार्ग पर आइटीबीपी परिसर के समीप पहाड़ी से मलबा आने से मार्ग बाधित हो गया। आइटीबीपी व एनएच ने जेसीबी से मलबा हटाकर आवाजाही शुरू कराई। 
चमोली जिले में लगातार हो रही बारिश से भनारपानी व क्षेत्रपाल में अवरुद्ध कर्णप्रयाग-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग को मंगलवार सुबह नौ बजे सुचारू कर दिया गया था। ऋषिकेश-बदरीनाथ राजमार्ग तोताघाटी के पास मंगलवार को भी नहीं खुल पाया। रायपुर-कुमाल्डा-कददूखाल राज्य राजमार्ग भी मरोड़ा में भूस्खलन होने से चार दिन से बाधित हैं।

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