पॉवर सेक्टर के निजीकरण के खिलाफ कर्मचारियों का हल्ला बोल, पॉवर सेक्टर के सभी कर्मचारी संगठन हुए एकजुट 

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पॉवर सेक्टर के निजीकरण के खिलाफ कर्मचारियों का हल्ला बोल, पॉवर सेक्टर के सभी कर्मचारी संगठन हुए एकजुट

देहरादून।

पॉवर सेक्टर के निजीकरण की तैयारियों के खिलाफ प्रदेश भर के बिजली कर्मचारियों ने केंद्र और राज्य सरकार के हल्ला बोला। सभी संगठन सोमवार को विरोध में सामने आए। कर्मचारियों ने काली पट्टी बांध कर काम करते हुए विरोध दर्ज कराया। लंच के समय सभी ने कार्यालय से बाहर आकर एकजुट होकर निजीकरण और इलेक्ट्रिसिटी(संशोधित) बिल 2020 के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
सोमवार को उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा, उत्तरखंड ऑफिसर सुपरवाइजर एंड स्टाफ एसोसिएशन, पॉवर जूनियर इंजीनियर एसोसिएशन, ऊर्जा कामगार संगठन से जुड़े सभी कर्मचारियों ने विरोध दर्ज कराया। यूपीसीएल, पिटकुल, यूजेवीएनएएल के सभी कार्यालयों, पॉवर हाउस, सब स्टेशनों व अन्य कार्यालयों में काली पट्टी बांध कर ही काम पर पहुंचे। सभी संगठनों ने चेतावनी दी कि यदि यदि जबरन बिल को लागू कराने का प्रयास किया गया, तो आंदोलन तय है।
इंसारुल हक, संयोजक अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने कहा कि केंद्र सरकार जल्द इलेक्ट्रिसिटी (संशोधन) बिल 2020 को तत्काल वापस ले। यूपी में पश्चिमांचल कार्पोरेशन के निजीकरण का फैसला वापस लिया जाए। मुकेश कुमार, महासचिव पॉवर इंजीनियर एसोसिएशन ने कहा कि पॉवर सेक्टर में निजीकरण जैसे प्रयोग न किए जाएं। इसके भयावह परिणाम सामने आएंगे। क्योंकि पॉवर सेक्टर के निजीकरण का ये प्रयोग उड़ीसा, दिल्ली, ग्रेटर नोएडा, औरंगाबाद, नागपुर, जलगांव, आगरा समेत देश के कई अन्य बड़े शहरों में पूरी तरह फ्लॉप साबित हुआ है। जीएन कोठियाल, अध्यक्ष पॉवर जूनियर इंजीनियर एसोसिएशन ने कहा कि तेजी के साथ निजीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा है। यही स्थिति रही, तो आने वाले समय में देश की आम जनता को बिजली उपयोग से पूरी तरह दूर कर दिया जाएगा। राकेश शर्मा, अध्यक्ष ऊर्जा कामगार संगठन ने कह कि केंद्र सरकार के बिल का पूरे देश में विरोध हो रहा है। 11 राज्य और दो केंद्र शासित प्रदेशों ने बिल के संशोधन पर आपत्ति भी जताई हैं। ये संशोधन राज्य के अधिकार क्षेत्र पर अतिक्रमण है।

विरोध जताने वालों में ये रहे शामिल
एनएस बिष्ट, जसवंत सिंह, वाईएस तोमर, मुकेश कुमार, अनिल मिश्रा, अमित रंजन, मयूरदेव सिंह, प्रशांत बहुगुणा, डीके कश्यप, दीपक शैली, बब्लू सिंह, वैभव जैन, आशीष सती, गंगा सिंह, दिनेश चौहान, मोहित जोशी, प्रदीप कुमार कंसल, अनिल उनियाल, पीबी नौटियाल, पुष्पा चौहान, केहर सिंह, वीरेंद्र नेगी, जयपाल कुंवर, पंकज सैनी, विक्की दास, प्रदीप कश्यप, प्रदीप प्रकाश शर्मा, अशोक शर्मा, डीसी ध्यानी, चित्र सिंह, विनोद कवि, नीरज उनियाल, मनोज पंत, प्रेम भट्ट, कंचन जोशी, मंजू तिवारी, नितिन, भगवती प्रसाद, सुनील मोगा आदि मौजूद रहे।

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