निजीकरण के खिलाफ बिजली कर्मचारियों ने खोला मोर्चा
देहरादून।
उत्तर प्रदेश में बिजली के निगमों के निजीकरण के फैसले के खिलाफ आज उत्तराखंड के बिजली कर्मचारी विरोध जताएंगे। काली पट्टी बांध कर विरोध जताया जाएगा। पॉवर इंजीनियर एसोसिएशन के महासचिव मुकेश कुमार ने कहा कि उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी संघर्ष समिति के बैनर तले होने वाले विरोध में सभी इंजीनियर भाग लेंगे। सुबह काली पट्टी बांध कर काम करने के साथ ही दोपहर में लंच के समय विरोध जताया जाएगा।
उत्तर प्रदेश सरकार के पश्चिमांचल पॉवर कार्पोरेशन को निजी हाथों में देने के फैसले का उत्तराखंड में भी बड़े स्तर पर विरोध शुरू हो गया है। सभी बिजली कर्मचारी संगठनों ने इस फैसले पर विरोध जताया है। ऊर्जा कामगार संगठन ने इस फैसले को जनविरोधी फैसला करार दिया।
संगठन की बैठक में अध्यक्ष राकेश शर्मा ने कहा कि देश भर में बिजली के निजीकरण का हर प्रयास हमेश विफल साबित हुआ है। इसके बाद भी यूपी सरकार पुराने नतीजों से सबक लेती नजर नहीं आ रही है। निजीकरण के इस फैसले से जहां बिजली कर्मचारियों के हित प्रभावित होंगे। वहीं राज्य की आम जनता और किसानों को महंगी बिजली से जूझना होगा। कहा कि निजीकरण के फैसले के खिलाफ कर्मचारी हड़ताल और जेल भरो आंदोलन की तैयारी में हैं। यूपी के कर्मचारियों के हर आंदोलन को उत्तराखंड के बिजली कर्मचारियों का पूरा समर्थन है। यदि कर्मचारियों से किसी भी तरह की ज्यादती की गई, तो उत्तराखंड के कर्मचारी भी आंदोलन शुरू कर देंगे। बैठक में कार्यवाहक अध्यक्ष दीपक बेनिवाल, सुशील शर्मा, एचसी शर्मा, आशीष सती, मोहम्मद रियाज, अशोक जोशी, सोहन शर्मा, अवतार सिंह, मनोज नेगी, बलवंत सिंह, मनोरंजन मिश्रा, गोपाल बिहारी, एसपी पुरोहित, अमनेश धीमान आदि मौजूद रहे।