जौनसार भाबर में लोगों को बड़ी राहत देने की तैयारी
देहरादून। जौनसार भाबर क्षेत्र के लोगों को अब वर्ग चार की जमीन पर मालिकाना हक के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना होगा। इसके लिए 23 सितंबर को विधानसभा सत्र में अधिनियम में संशोधन को विधेयक लाया जा रहा है। कैबिनेट ने शुक्रवार को इसकी मंजूरी दी।
कैबिनेट ने वर्ग चार की जमीन के विनियमितीकरण को उत्तराखंड जौनसार भाबर जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1956 में संशोधन को मंजूरी दी। पहले कैबिनेट ने अध्यादेश को मंजूरी दी थी। लेकिन विधानसभा सत्र की घोषणा होने के कारण अब विधेयक लाया जा रहा है। सत्र में संशोधित विधेयक पारित होते ही जौनसार भाबर क्षेत्र में लोगों को 30 जून 1983 और उससे पहले के अवैध कब्जों के मामले में भी मालिकाना हक मिल सकेगा। इसका लाभ देहरादून जिले में कालसी, चकराता और त्यूनी तहसील अंतर्गत क्षेत्रों में मिलेगा। इन क्षेत्रों में उत्तराखंड जोनसार भाबर जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1956 लागू है। इन क्षेत्रों में उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950) का कोई भी संशोधन लागू नहीं किया गया है। इसके कारण इन क्षेत्रों में राज्य सरकार का 18 जुलाई 2016 का शासनादेश लागू नहीं होता। इस वजह से अभी तक जौनसार भाबर क्षेत्र में वर्ग चार की भूमि पर अवैध रूप से काबिज और पट्टेदारों को भूमिधरी अधिकार का लाभ नहीं मिल पा रहा था। कैबिनेट ने इस व्यवस्था में बदलाव पर मुहर लगा दी है।