ऑनलाइन पूजा का तीर्थ पुरोहितों ने किया विरोध, देवस्थानम बोर्ड को समाप्त करने की बजाय ऑनलाइन पूजा पर जताई नाराजगी, ऑनलाइन पूजा को बताया स्थानीय हकहकूकधारियों के अधिकारों पर चोट

0
37

ऑनलाइन पूजा का तीर्थ पुरोहितों ने किया विरोध, देवस्थानम बोर्ड को समाप्त करने की बजाय ऑनलाइन पूजा पर जताई नाराजगी, ऑनलाइन पूजा को बताया स्थानीय हकहकूकधारियों के अधिकारों पर चोट

देहरादून।

उत्तराखंड चार धाम तीर्थ पुरोहित हकहकूकधारी महापंचायत ने ऑनलाइन पूजा अर्चना का विरोध किया। महापंचायत पदाधिकारियों ने बताया कि देवस्थानम बोर्ड को समाप्त करने की बजाय उल्टा ऑनलाइन पूजा ही शुरू करा दी गई है। जो स्थानीय हकहकूकधारियों के अधिकारों पर सीधे चोट है।
महापंचायत के अध्यक्ष कृष्णकांत कोटियाल और महामंत्री हरीश डिमरी ने कहा कि सीएम ने आश्वासन दिया था कि देवस्थानम बोर्ड पर पुनर्विचार करेंगे। महापंचायत की इस बोर्ड को भंग कर पुरानी व्यवस्था बरकरार रखने की मांग थी। चारों धामों के कपाट भी खुल चुके हैं। ऐसे में उम्मीद यही थी कि बोर्ड को समाप्त किया जाएगा। उल्टा सरकार ने ऑनलाइन पूजा शुरू करा दी है।
इस ऑनलाइन पूजा से स्थानीय हकहकूकधारियों को कुछ नहीं मिल रहा है। क्योंकि ऑनलाइन पूजा सरकारी कर्मचारी करा रहे हैं। पूजा की एवज में मिलने वाला पैसा सीधे सरकारी खजाने में जा रहा है। ये सीधे तौर पर हककूकधारियों के अधिकारों पर चोट है। सवाल ये है कि क्या ऑनलाइन पूजा के बाद पूजा कराने वालों को प्रसाद भी भेजा जा रहा है। यदि ऐसा हो रहा है, तो कोरोना गाइड लाइन का उल्लंघन नहीं है।
सरकार ने स्थानीय लोगों के लिए परमिट जैसी व्यवस्था कर दी है। लोग अपने गांव, होटल, धर्मशाला, प्रतिष्ठानों तक नहीं जा पा रहे हैं। ऐसे में यदि भविष्य में कोरोना गाइड लाइन के तहत चार धाम यात्रा शुरू होगी, तो लोग अपने प्रतिष्ठानों की कैसे मरम्मत करा पाएंगे। उन्हें तैयारी का समय कैसे मिलेगा। सरकार यात्रा स्थगित होने से प्रभावित हुए लोगों के लिए भी पैकेज की घोषणा करे। ताकि प्रभावितों को कुछ राहत मिल सके।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here