उत्तराखंड में भी बिजली के निजीकरण की तैयारी में सरकार, कर्मचारियों ने गंभीर परिणाम भुगतने की दी चेतावनी, सब स्टेशन, लाइन मेंटनेंस का काम पहले ही निजी हाथों में सौंपा
देहरादून।
ऊर्जा ऑफिसर सुपरवाइजर्स एंड स्टाफ एसोसिएशन ने उत्तराखंड सरकार पर पॉवर सेक्टर को निजी हाथों में देने की तैयारी करने का आरोप लगाया। अध्यक्ष डीसी गुरुरानी ने चेतावनी दी कि यदि निजीकरण हुआ, तो सरकार को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। आज जो उत्तराखंड में जनता को सबसे सस्ती बिजली मिल रही है, यदि बिजली का निजीकरण हुआ, तो राज्य की आम जनता और किसानों को महंगी बिजली खरीदने के लिए मजबूर किया जाएगा। कहा कि मीटर रीडिंग का पूरा काम प्राइवेट कंपनी को सौंप दिया गया है। बड़ी संख्या में बिजली सब स्टेशन भी कंपनियों को सौंप दिए गए हैं। पुराने सब स्टेशन के साथ ही जो नये सब स्टेशन बन रहे हैं, वो पूरी तरह निजी कंपनियों को दिए जा रहे हैं। वैक्यूम सर्किट ब्रेकर तक की मेंटनेंस ठेकेदारों को सौँप दी गई है। बड़ी संख्या में सब स्टेशन में मैन पॉवर सप्लाई का काम भी ठेकेदारों को दिया गया। इसका पुरजोर विरोध होगा। कहा कि एसोसिएशन से जुड़े कर्मचारियों ने पूरे प्रदेश भर में निजीकरण का विरोध किया।