सचिवालय संघ के निशाने पर आईएफएस, आईपीएस, वित्त सेवा के अफसर

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सचिवालय संघ के निशाने पर आईएफएस, आईपीएस, वित्त सेवा के अफसर
अपर सचिव पद पर तैनाती को लेकर उठाए सवाल, तत्काल हटाने की मांग
जीटी रिपोर्टर,देहरादून
उत्तराखंड सचिवालय संघ के निशाने पर अपर सचिव पद पर तैनात आईएफएस, आईपीएस और वित्त सेवा के अफसर आ गए हैं। संघ ने इनकी तैनाती पर सवाल उठाए हैं। तत्काल इन्हें हटाने की मांग की।
उत्तराखंड सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी और महासचिव राकेश जोशी ने अपर मुख्य सचिव कार्मिक राधा रतूड़ी को ज्ञापन भेज संघ की ओर से विरोध दर्ज कराया। कहा कि सचिवालय में आईएफएस, आईपीएस और वित्त सेवा के अफसरों को इनके मूल विभागों से हट कर भी अपर सचिव पद पर तैनाती दी जा रही है। जो कि शासन के पूर्व आदेशों की ही अवहेलना है। पूर्व में 31 अगस्त 2016 को मुख्य सचिव स्तर पर हुई बैठक में संघ को आश्वासन दिया गया था कि भारतीय प्रशासनिक सेवा को छोड़ कर अन्य सेवा के अफसरों को परामर्शी के रूप में उनके मूल विभागों का ही दायित्व दिया जाएगा। इसके बाद भी वन, गृह, वित्त के अलावा भी दूसरे अहम विभागों में इन्हें तैनाती दी जा रही है। कहा कि शासन में आईएएस सेवा के ढांचे में अपर सचिव के कुल 22 पद हैं। इसके बावजूद पीसीएस, वित्त सेवा के बड़ी संख्या में अफसर अपर सचिव पद पर तैनात हैं। जो प्रशासनिक रूप से सही नहीं है।

जूनियर पीसीएस अफसरों पर भी साधा निशाना
संघ ने अपर सचिव पद पर पीसीएस, वित्त सेवा के 8900 ग्रेड पे से नीचे के अफसरों की तैनाती पर भी सवाल उठाए। कहा कि सचिवालय संवर्ग में संयुक्त सचिव का ही ग्रेड वेतन 8700 रुपये है। ऐसे में 7600 ग्रेड पे के पीसीएस और वित्त सेवा के अफसरों को अपर सचिव बनाया जाना ऑफिस मैनेजमेंट के लिहाज से सही नहीं है। कहा कि 8900 ग्रेड पे से नीचे वाले अफसरों को फील्ड में तैनाती दी जाए।

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