अचानक केदारधाम में पहुंचा केंद्र सरकार का अमला, ये उद्योगपति भी साथ रहे मौजूद, पीएम मोदी भी रखे हुए हैं धाम के पुर्नर्निमाण कार्यों पर बारीक नजर
देहरादून।
श्री केदारनाथ धाम में रविवार को अचानक केंद्र सरकार के पर्यटन सचिव राघवेंद्र सिंह पूरे अमले के साथ पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान उनके साथ केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों में सहायता दे रहे उद्योगपति सज्जन जिंदल भी मौजूद रहे। जिंदल स्टील ने वर्क्स केदारनाथ विकास कार्यों हेतु बड़ी मात्रा में सहयोग राशि उपलब्ध कराई है। जिसके माध्यम से शंकराचार्य समाधि स्थल पर निर्माण कार्य संचालित किए जा रहे हैं। सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने उन्हें धाम में कराए जा रहे कार्यों की जानकारी दी।
केंद्रीय सचिव ने आदि शंकराचार्य की समाधि, नेपाल भवन तथा केदारनाथ लिंचोली मार्ग का निरीक्षण भी किया। कहा कि आदि शंकराचार्य की समाधि पर चल रहे कार्यों को जल्द से जल्द पूरा किया जाए। दोनों अधिकारियों ने नेपाल भवन का निरीक्षण किया। स्थान स्वामी से वार्ता कर इसे संग्रहालय के रूप में संरक्षित करने का प्रस्ताव दिया। सचिव, भारत सरकार ने कुछ स्थानीय घरों का भी निरीक्षण किया। जिनमें अस्थाई तौर पर संग्रहालय को संचालित किया जा सके। केंद्रीय सचिव ने केदारनाथ लिंचोली मार्ग का भ्रमण करते हुए किन्ही चार स्थलों (पड़ाव) को धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु ध्यान केंद्र के रूप में विकसित करने का विश्वास दिलाया।
सचिव पर्यटन जावलकर ने कहा कि राज्य में पर्यटकों के लिए आवाजाही खोल दी गई है। देशभर के श्रद्धालुगण अब देवस्थान पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन करवा कर चार धामों की यात्रा पर आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि देवस्थानम बोर्ड को अपना कार्य केवल पूजा अर्चना तक सीमित न रखते हुए यात्रियों की सेवा हेतु अतिरिक्त कार्य करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि देवस्थानम बोर्ड को शासन की ओर से पूर्ण सहयोग दिया जा रहा है; बोर्ड के अधिकारी- कर्मचारियों से इस बात की अपेक्षा है कि वे वृहद स्तर पर उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु अपने विजन को विशाल करेंगे।
उन्होंने बताया कि अब तक 30,000 श्रद्धालुओं द्वारा बाबा केदार के दर्शन किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटकों के लिए राज्य के द्वार खोले जाने से चारों धामों में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है इससे स्थानीय होटल एवं रिजॉर्ट व्यवसायी, घोड़ा व्यवसाई, छोटे कारोबारियों तथा पर्यटन क्षेत्र के अन्य हित धारकों को लाभ पहुंचेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।