पंडा-पुरोहित समाज फैसले को सुप्रीम कोर्ट में देगा चुनौती

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पंडा-पुरोहित समाज फैसले को सुप्रीम कोर्ट में देगा चुनौती

कोर्ट के फैसले का पहले किया जाएगा अध्ययन, जल्द होगी महापंचायत की बैठक

देहरादून। संवाददाता

उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम एवं प्रबंधन बोर्ड के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया गया है। याचिका दायर करने वाले चारधाम तीर्थ पुरोहित हकहकूकधारी महापंचायत ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला लिया है। हाईकोर्ट के फैसले को लेकर महापंचायत के अध्यक्ष कष्णकांत कोटियाल ने कहा कि अभी हाईकोर्ट का आदेश नहीं पढ़ा है। आदेश का विस्तृत व गहन अध्ययन किया जाएगा। इसके तत्काल बाद महापंचायत की बैठक होगी। इसमें आगे की रणनीति तय होगी। कहा कि हाईकोर्ट के फैसले से भले ही सरकार खुश हो, लेकिन महापंचायत इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी। किसी भी सूरत में देवस्थानम बोर्ड को स्वीकार नहीं किया जाएगा।

 
देश भर के साधु संतों को साथ लेकर होगा आंदोलन

सरकार को जल्द राहत देने के मूड में नहीं महापंचायत

देहरादून। संवाददाता

चारधाम तीर्थ पुरोहित हकहकूकधारी महापंचायत अब सरकार को दोहरे तरीके से घेरने की रणनीति बनाने में जुट गई है। न सिर्फ कोर्ट, बल्कि सड़कों पर आंदोलन छेड़ दबाव बनाया जाएगा। बल्कि इस मुहिम में देश भर के साधु संतो, शंकराचार्य, महामंडलेश्वरों को साथ जोड़ा जाएगा। महापंचायत के अध्यक्ष कृष्णकांत कोटियाल ने कहा कि सरकार के मंसूबों को कभी सफल नहीं होने दिया जाएगा। सड़कों पर आंदोलन होगा। अभी तक कोरोना महामारी के कारण सरकार को भले ही आंदोलनों से राहत मिली हो, लेकिन आगे चल कर आंदोलन को बड़ा स्वरूप दिया जाएगा। इसे समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर लड़ा जाएगा। देश भर के संत समाज को इस आंदोलन के साथ जोड़ा जाएगा। कहा कि अब इस आंदोलन से पीछे हटने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता। सरकार को सबक सिखाया जाएगा। कहा कि देवस्थानम बोर्ड का गठन कर सरकार ने तीर्थ पुरोहितों के हक हकूकों को छीनने का प्रयास किया है, इसे किसी भी सूरत में सफल नहीं होने दिया जाएगा। सरकार पूरी तरह फेल हो चुकी है। इस बार यात्रा संचालन में सरकार की विफलता साफ नजर आई है। 
महाराज बोले, स्वामी को मिल गया है जवाबपर्यटन एवं धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को लेकर हाईकोर्ट में सांसद सुब्रह्मण्य स्वामी की याचिका खारिज हो गई है। इससे स्वामी को अब जवाब मिल गया है। कहा कि चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के क्रियान्वयन को लेकर उच्च न्यायालय के फैसला का वह स्वागत करते हैं। बोर्ड का गठन चारधाम यात्रा के बेहतर संचालन एवं ऐतिहासिक मंदिरों के उत्थान के लिए ही किया गया है। न्यायालय के फैसले के बाद बोर्ड की गतिविधियों में और अधिक गति आएगी। सनातन संस्कृति के संरक्षण व राज्य के विकास में भी प्रगति होगी। अब चारों धामों की व्यवस्था को और अधिक बेहतर बनाया जा सकेगा। अब सरकार चार धाम देवस्थानम बोर्ड के माध्यम से यात्रा को अन्य व्यवस्थाएं भी कर सकती है। जैसे ही लॉक डाउन समाप्त होगा, चार धाम की यात्रा भी शुरू हो जाएगी। ऐसे में हम यात्रियों को सुगम और आरामदेह यात्रा की व्यवस्थाएं करेंगे। उन्होंने कहा कि चार धाम यात्रा का अनुभव अब यात्रियों को पहले से बेहतर होगा।

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