त्रिवेंद्र सरकार के राज में गैरसैंण विकास पर बाते कम, काम ज्यादा की तर्ज पर काम शुरू, पानी पहुंचाने को 106 करोड़ का प्लान नाबार्ड को भेजा, अगले तीस साल का पेयजल संकट होगा दूर, गैरसैंण पॉलिटेक्निक के पास रामगंगा नदी में बनना है डैम, छह एमएलडी मिलेगा पानी, डैम से पानी लिफ्ट होकर पहुंचेंगा गैरसैंण, भराड़ीसैंण
देहरादून।
गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने की दिशा में सरकार ने एक ओर कदम बढ़ा दिया है। गैरसैंण में पानी पहुंचाने को 106 करोड़ की लागत से योजना तैयार की जाएगी। इसमें पेयजल और सिंचाई की योजनाओं को शामिल किया गया है। रामगंगा नदी पर डैम बनाने के साथ ही पानी लिफ्ट कर पहुंचाया जाएगा। इसके लिए नाबार्ड को प्रस्ताव भेज दिया गया है।
गैरसैंण में रामगंगा नदी पर 60 करोड़ की लागत से डैम तैयार होगा। यहां से 44 करोड़ की लागत से पम्पिंग योजना तैयार कर पानी भराड़ीसैंण, गैरसैंण तक पहुंचाया जाएगा। अभी गैरसैंण, भराडीसैंण, दिवालीखाल क्षेत्र में एक एमएलडी के करीब पानी है। 0.3 एमएलडी पानी भराडीसैंण और 0.7 एमएलडी पानी दिवालीखाल, गैरसैंण क्षेत्र से स्थानीय स्रोतों से प्राप्त होता है। जबकि अगले 30 वर्ष के लिए जरूरत छह एमएलडी की है। इस पांच एमएलडी के अंतर की भरपाई के लिए नई योजना तैयार की जाएगी। वित्तीय बजट का इंतजाम नाबार्ड के जरिए होगा। डैम बनने के बाद रामगंगा से पानी स्रोतों के जरिए डैम तक पहुंचेगा। जहां से लिफ्टिंग के जरिए पानी लोगों तक पहुंचेगा।
सुरेश चंद्र पंत, मुख्य अभियंता जल निगम गढ़वाल के अनुसार गैरसैंण की पेयजल जरूरतों को पूरा करने के लिए प्लानिंग कर ली गई है। न सिर्फ प्लानिंग, बल्कि उसे किस तरह धरातल पर उतारा जाना है, इसका भी प्लान तैयार कर लिया गया है। नाबार्ड को 106 करोड़ का प्रस्ताव भेज दिया गया है। बजट स्वीकृत होते ही काम शुर कर दिया जाएगा। गैरसैंण में डैम बनने से निचले क्षेत्रों में भी पानी का रिचार्ज बढ़ेगा। चौखुटिया, मासी, मेहलचोरी क्षेत्र में भी पेयजल स्रोतों का रिचार्ज बढ़ेगा। स्रोतों में पानी बढ़ने से पेयजल की जरूरतें पूरी होंगी।
पर्यटन विकास की दिशा में भी अहम कदम
रामगंगा नदी पर डैम बनने के बाद यहां पर्यटन गतिविधियां भी बढ़ेंगी। झील बनने से पर्यटन का एक नया विकल्प तैयार होगा। पर्यटन गतिविधियां बढ़ने से स्थानीय कारोबारियों को राहत मिलेगी। वॉटर स्पोर्ट्स का एक नया केंद्र तैयार होगा।