विधानसभा भर्ती की जांच करने वाली समिति को हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का भी करना होगा अध्ययन, कुंजवाल के समय की नियुक्तियों पर हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट तक से लग चुकी है मुहर, जानकार भी बोले
देहरादून।
विधानसभा भर्ती की जांच करने वाली समिति को हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का भी अध्ययन करना होगा। क्योंकि पूर्व स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल के समय की नियुक्तियों पर हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट तक से मुहर लग चुकी है।
2016 में विधानसभा में हुई भर्तियों के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर हुई थी। याचिका में विधानसभा की इन भर्तियों को नियम विरुद्ध बताया गया था। इन सभी भर्तियों को निरस्त किए जाने की मांग की गई थी। तत्कालीन चीफ जस्टिस बारिन घोष की पीठ ने विधानसभा अध्यक्ष के स्तर से की गई भर्तियों के खिलाफ की गई जनहित याचिका को खारिज कर दिया था। चीफ जस्टिस के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। सुप्रीम कोर्ट ने भी याचिका को खारिज कर दिया था। अब जांच समिति को अपनी रिपोर्ट तैयार करते समय हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के इन फैसलों को भी ध्यान में रखना होगा। उनका अध्ययन करना होगा।