बिजली कर्मचारियों का सवाल, कब मिलेगा पुरानी एसीपी और जीपीएफ का लाभ, बिजली के निजीकरण का भी विरोध 

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बिजली कर्मचारियों का सवाल, कब मिलेगा पुरानी एसीपी और जीपीएफ का लाभ, बिजली के निजीकरण का भी विरोध

देहरादून।

बिजली कर्मचारियों ने शासन से दो टूक सवाल किया है कि आखिर उन्हें पुरानी एसीपी का लाभ कब मिलेगा। कब कर्मचारियों को ईपीएफ की जगह जीपीएफ की सुविधा मिलेगी। उत्तराखंड ऊर्जा कामगार संगठन ने एसीपी की पुरानी व्यवस्था 9, 14, 19 वर्ष का लाभ कर्मचारियों को देने की मांग की। शासन को दिसंबर 2017 में हुए समझौते की भी याद दिलाई।
संगठन की ऑनलाइन हुई बैठक में अध्यक्ष राकेश शर्मा ने कहा कि एसीपी की पुरानी व्यवस्था लागू न होने से कर्मचारियों को बड़ा नुकसान हो रहा है। हर महीने चार से लेकर 40 हजार तक का नुकसान हो रहा है। कार्यवाहक अध्यक्ष दीपक बेनिवाल ने कहा कि कर्मचारियों को ईपीएफ की जगह जीपीएफ का लाभ देने के मामले में भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जबकि शासन स्तर पर कई बार आश्वासन दिया जा चुका है। कर्मचारियों की सातवें वेतनमान की विसंगतियां तक दूर नहीं हुई हैं। सातवें वेतनमान में कई संवर्ग के ग्रेड पे घटा दिए गए हैं।
शासन स्तर पर हुए समझौते में तय हुआ था कि सभी विसंगतियों को दूर कर दिया जाएगा। अभी तक इन विसंगतियों को दूर करने की दिशा में एक कदम भी प्रगति नहीं हुई है। इससे कर्मचारियों में रोष व्याप्त है। बैठक में संगठन की मौजूदा कार्यकारिणी के दो साल के कार्यकाल पूरा होने पर भी चर्चा हुई। कोरेाना महामारी के दौर में कैसे संगठन का द्विवार्षिक अधिवेशन संपन्न किया जाए, इस पर जल्द फैसला लिया जाएगा। ऑनलाइन बैठक में राकेश शर्मा, दीपक बेनिवाल, सुशील शर्मा, बलवंत सिंह, एचसी शर्मा, मनोज नेगी, राजेश सैनी, विरेंद्र लाल, अशोक जोशी, मोहम्मद रियाज, सोहन शर्मा, विकास, धर्मपाल, अवतार सिंह बिष्ट, आशीष सती आदि मौजूद रहे।

राजेश बने अध्यक्ष, विरेंद्रपाल सचिव
संगठन की बैठक में ग्रामीण मंडल का भी गठन किया गया। नए मंडल के अध्यक्ष पद का जिम्मा राजेश सैनी, सचिव विरेंद्र पाल, संरक्षक सोमराज बनाए गए। मंडल के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों ने कहा कि केंद्रीय संगठन स्तर से जो भी दिशा निर्देश मिलेंगे, उसके अनुसार कर्मचारी हितों के लिए काम किया जाएगा।

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