विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा से अलग हुई उत्तराखंड ऊर्जा ऑफिसर्स सुपरवाइजर्स एंड स्टाफ एसोसिएशन, जेई एसोसिएशन, कामगार संगठन पहले ही हो चुके हैं अलग, मोर्चा में बिखराव
देहरादून।
उत्तराखंड ऊर्जा ऑफिसर्स सुपरवाइजर्स एंड स्टाफ एसोसिएशन ने उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा से सम्बन्ध तोड़ लिया है। एसोसिएशन की ऑनलाइन बैठक में मोर्चा से अलग होने का निर्णय लिया गया।
ऑनलाइन बैठक में केंद्रीय अध्यक्ष डीसी गुरुरानी ने कहा कि मोर्चा लंबे समय से कर्मचारियों की मांगों के निस्तारण को लेकर निष्क्रिय रहा है। एसीपी की पुरानी व्यवस्था 9, 5,5 को लागू कराने में भी मोर्चा विफल रहा है। दिसंबर 2017 के बाद कोई प्रयास भी नहीं किए गए। 2017 में भी सबसे अहम मांग का निस्तारण कराए बिना ही शासन से समझौता कर लिया। तीन साल बाद भी उस समझौते को लागू नहीं करवा पाए हैं। इसी निष्क्रियता के कारण पहले पॉवर जूनियर इंजीनियर्स एसोसिएशन और ऊर्जा कामगार संगठन भी मोर्चा से अलग हो चुका है। ऐसे में अब मोर्चा में रहने का कोई औचित्य नहीं है।
तय हुआ कि एसोसिएशन अपने स्तर से ही एसीपी की पुरानी व्यवस्था 9,5,5 को लागू कराने को लेकर अभियान छेड़ेगी। लंबित प्रमोशन को लेकर शासन, सरकार पर दबाव बनाया जाएगा। ऑनलाइन बैठक में अध्यक्ष डीसी गुरुरानी, सतीशचंद्र कांडपाल, दिनेश चौहान, गंगा सिंह ल्वाल, संजीव कुमार, उमेश नेगी, सतीश जोशी, केंद्रीय संगठन मंत्री मनोज रावत, नितेश भट्ट आदि मौजूद रहे।