बिजली उपभोक्ताओं का मुआवजा बढ़ाने का यूपीसीएल ने किया विरोध, मुआवजे की दरों और नए नियमों को लेकर विद्युत नियामक आयोग में हुई सुनवाई, निगम ने मुआवजा प्रति दिन की बजाय प्रति घंटे के नियम पर जताई आपत्ति

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बिजली उपभोक्ताओं का मुआवजा बढ़ाने का यूपीसीएल ने किया विरोध, मुआवजे की दरों और नए नियमों को लेकर विद्युत नियामक आयोग में हुई सुनवाई, निगम ने मुआवजा प्रति दिन की बजाय प्रति घंटे के नियम पर जताई आपत्ति


देहरादून।

बिजली का कनेक्शन समय पर न देने, बिजली लाइन में आए फॉल्ट को जल्द ठीक न करने पर विद्युत नियामक आयोग ने जुर्माने की दरों को बढ़ाया है। यूपीसीएल पर लगने वाला ये जुर्माना उपभोक्ताओं को मुआवजे के रूप में मिलेगा। नए नियमों का सुनवाई के दौरान यूपीसीएल ने विरोध किया। उपभोक्ताओं ने यूपीसीएल की भूमिका पर सवाल उठाए।
आयोग में सुनवाई के दौरान यूपीसीएल के एसई विशाल गुप्ता ने कहा कि अनुशासन उपभोक्ताओं को भी लाना होगा। यूपीसीएल को नए फार्मेट को तैयार करने का समय दिया जाए। बिजली बिल में पहले ही तमाम तरह के प्रावधान है। ऐसे में मुआवजे को बिल में एडजस्ट न किया जाए, बल्कि सीधे भुगतान करने का अधिकार दिया जाए। मुआवजा किसे मिला, ये पूरा ब्यौरा साइट पर उपलब्ध न कराया जाए। बल्कि जो प्रभावित है, उसी तक ये सूचना रहने दी जाए। मुआवजे का भुगतान 45 दिन की बजाय 90 या 60 दिन तक करने की छूट मिले।
उपभोक्ता को मुआवजे के मामले में उपभोक्ता फोरम में जाने का भी अधिकार न दिया जाए। क्योंकि इससे फोरम स्तर से और अधिक मुआवजा देने का आदेश हो सकता है। बिजली लाइनों में आने वाले फॉल्ट को ठीक करने का समय बढ़ाया जाए। क्योंकि कई बार एक लाइन को ठीक करने के लिए दूसरी लाइन को भी बंद करना पड़ता है। मुआवजा प्रति दिन के हिसाब से ही लगे। इसे प्रति घंटे न किया जाए। ऊपरी सीमा तय करते हुए इसे दस हजार से अधिक न किया जाए। उपभोक्ता का बिजली लोड बढ़ने से यदि ट्रांसफार्मर में दिक्कत हो, तो ट्रांसफार्मर की लागत उपभोक्ता से ली जाए। बिजली पोल की शिफ्टिंग को भी मुआवजे से बाहर किया जाए।
सुनवाई में पहुंचे एकमात्र उपभोक्ता वीरू बिष्ट ने कहा कि यूपीसीएल की लापरवाही का खामियाजा उपभोक्ता भुगत रहे हैं। निगम के पास मैनपॉवर नहीं है। जो हैं, उन्हें अनुभव ही नहीं है। अभी तक नए फार्म निगम उपलब्ध नहीं करवा पाया है। ऊर्जा मित्र का लाभ नहीं मिलता। ऑनलाइन कनेक्शन नहीं मिल पा रहे हैं। प्रीपेड मीटर में दिक्कतें आ रही हैं। हल्की सी हवा चलते ही लाइट चली जाती है। बिजली बिलों में सही ब्यौरा नहीं दिया जाता। टोल फ्री नंबर 1912 पर सिर्फ शोपीस है। वेडिंग प्वाइंट बिना लोड बढ़ाए चल रहे हैं। इसका नुकसान उपभोक्ताओं को उठाना पड़ता है। सुनवाई में कार्यवाहक अध्यक्ष डीपी गैरोला, सदस्य एमके जैन, सचिव नीरज सती, निदेशक प्रभात डिमरी मौजूद रहे।

सदस्य बोले मुझे तक समझ नहीं आते बिल
विद्युत नियामक आयोग के सदस्य और पूर्व एमडी यूपीसीएल एमके जैन ने कहा कि मुझे ही बिजली के बिल समझ नहीं आते। बिल में एक भी रीडिंग अपनी तय जगह नहीं होती। प्रिटिंग ऊपर नीचे रहती है। इससे पता ही नहीं चलता कि किस मद में कितना बिल तय किया गया है।

बिजली कनेक्शन में देरी पर 500 रुपये प्रतिदिन तक मुआवजा
एलटी कनेक्शन 15 दिन और एचटी कनेक्शन 60 दिन के भीतर देना होगा। देरी होने पर 500 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना देना होगा। एलटी कनेक्शन में लोड बढ़ाने के आवेदन पर 15 दिन, एचटी कनेक्शन में 30 दिन के भीतर काम न होने पर 50 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से अधिकतम 50 हजार रुपये जुर्माना देना होगा। एलटी लाइन में फॉल्ट आने पर शहर और गांव में 12 घंटे, पहाड़ों में बिना मोटर रोड वाले क्षेत्र में 24 घंटे के भीतर सप्लाई चालू करनी होगी। ट्रांसफार्मर में खराबी, आग लगने पर शहर, गांव में 24 घंटे, पहाड़ पर मोटर रोड वाले क्षेत्र में 48 घंटे, बिना मोटर रोड वाले क्षेत्र में 72 घंटे में लाइट देनी होगी। ऐसा न करने पर 20 रुपये प्रति घंटे जुर्माना लगेगा। उपभोक्ता को दस रुपये प्रति घंटे मुआवजा मिलेगा।

उपकरण जलने पर भी मुआवजा 500 रुपए से बढ़कर हुआ पांच हजार
वोल्टेज के उतार चढ़ाव के कारण उपकरण जलने पर भी मुआवजा बढ़ाने का प्रावधान किया गया है। इसे 300 रुपये से बढ़ा कर 3000 हजार किया गया। पंखा, ब्लैक एंड व्हाइट टीवी, मिक्सी, ग्राइंडर, टोस्टर समेत अन्य पोर्टेबल इलेक्ट्रिक सामान की रिपेयरिंग के अब एक हजार रुपये मिलेंगे। 43 इंच तक के कलर टीवी, सेमी ऑटोमेटिक वाशिंग मशीन, 200 लीटर के फ्रीज, माइक्रोवेव को ठीक कराने के 3000 रुपये मिलेंगे। 43 इंच से अधिक के कलर टीवी, फुल ऑटोमेटिक वॉशिंग मशीन, कम्पयूटर, एसी, चिमनी, 200 लीटर से अधिक के फ्रीज को ठीक कराने के पांच हजार रुपये मिलेंगे।

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