ऊर्जा निगम के इंजीनियरों को नहीं प्रीपेड मीटर की जानकारी, आरटीआई में खुद ही कबूला, बोले न पर्याप्त मीटर उपलब्ध, न ही मिला प्रशिक्षण 

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ऊर्जा निगम के इंजीनियरों को नहीं प्रीपेड मीटर की जानकारी, आरटीआई में खुद ही कबूला, बोले न पर्याप्त मीटर उपलब्ध, न ही मिला प्रशिक्षण

देहरादून।

यूपीसीएल के इंजीनियरों को प्रीपेड मीटर लगाने की जानकारी ही नहीं है। आम जनता को अस्थाई बिजली कनेक्शन के नाम पर आज भी पोस्टपैड मीटर ही थमाए जा रहे हैं। सूचना के अधिकार में इंजीनियर स्वयं स्वीकार कर रहे हैं कि उनके पास न तो पर्याप्त संख्या में प्रीपेड मीटर हैं, न ही उन्हें लगाए जाने का कोई प्रशिक्षण मिला है।
यूपीसीएल की ये स्थिति तब है, जबकि उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने स्पष्ट तौर पर साफ कर दिया है कि अस्थाई बिजली कनेक्शन प्रीपेड ही उपलब्ध कराए जाने हैं। इसके अलावा यदि पोस्टपैड उपलब्ध कराए गए, तो ये सीधे तौर पर नियमों का उल्लंघन होगा। अस्थाई बिजली कनेक्शनों में बड़ी संख्या में बिजली की शिकायतें और आम जनता को परेशानी पेश आती है। बिजली की सिक्योरिटी वापस लेने को चक्कर लगाने होते हैं। इन तमाम दिक्कतों को देखते हुए आयोग ने दो टूक आदेश कर दिए थे कि अब अस्थाई बिजली कनेक्शन प्रीपेड मीटर के जरिए ही मिलेंगे।
सामाजिक कार्यकर्ता वीरु बिष्ट ने सूचना के अधिकार में जब यूपीसीएल के डिवीजनों, सब डिवीजनों से प्रीपेड मीटर लगाने को लेकर उनकी तैयारियों को लेकर जानकारी मांगी, तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ। कई सब स्टेशनों ने लिखित में जवाब दिया है कि उनके पास न तो पर्याप्त संख्या में प्रीपेड मीटर है, न ही उन्हें किस तरह लगाया जाना है, इसका उन्हें प्रशिक्षण मिला है। ऐसे में सीधे पोस्टपैड कनेक्शन ही लगाए जा रहे हैं। जिन्हें बाद में नियमित कर दिया जाता है। वीरु बिष्ट ने इसे सीधे तौर पर आयोग के नियमों की अनदेखी बताया। कहा कि जब आयोग साफ आदेश कर चुका है, तो क्यों सभी जगह एक समान रूप से प्रीपेड मीटर का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है।

यूपीसीएल मैनेजमेंट को साफ कर दिया गया है कि बिना प्रीपेड मीटर के अस्थाई कनेक्शन न दिए जाएं। इन आदेशों के बाद भी यदि प्रीपेड कनेक्शन उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं, तो यूपीसीएल से इस पर जवाब तलब किया जाएगा।
एके जैन, सदस्य तकनीकी विद्युत नियामक आयोग

जिन डिवीजनों, सब डिवीजनों में ऐसा हो रहा है, उनके खिलाफ सख्ती से निपटा जाएगा। न तो प्रीपेड मीटर की कमी है। उल्टा अब तक स्मार्ट प्रीपेड मीटर खरीदे जा रहे हैं। इन्हें लगाने को लेकर किसी विशेष प्रशिक्षण की भी जरूरत नहीं है। जो लोग ऐसा कह रहे हैं, उनसे जानकारी ली जाएगी। इस व्यवस्था को दुरुस्त बनाया जाएगा।
अतुल अग्रवाल, प्रभारी एमडी यूपीसीएल

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