जल जीवन मिशन से पानी ही नहीं, रोजगार भी देगी त्रिवेंद्र सरकार, केंद्र के तय लक्ष्य से पहले पहुंचाया जाएगा हर घर तक पानी 

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जल जीवन मिशन से पानी ही नहीं, रोजगार भी देगी त्रिवेंद्र सरकार, केंद्र के तय लक्ष्य से पहले पहुंचाया जाएगा हर घर तक पानी

देहरादून।

जल जीवन मिशन योजना से गांव के लोगों को सिर्फ पानी ही नहीं, बल्कि रोजगार भी मिलने जा रहा है। पेयजल एजेंसियों को दिसंबर 2021 तक राज्य के 15218 गांवों तक 11.78 लाख घरों तक पानी की लाइन पहुंचानी है। इस काम के लिए जल संस्थान, जल निगम के पास अभी सिर्फ बामुश्किल 2500 ठेकेदार हैं। ऐसे में गांव का काम गांव के ही युवाओं को देने के लिए दोनों एजेंसियों ने पंजीकरण खोल दिया है। करीब पांच हजार युवा इस योजना से जुड़ सकते हैं।
जल जीवन मिशन में हर घर को पाइप लाइन से जोड़ा जाना है। काम भी समयबद्ध होना है। एक एक काम को पूरा करने के लिए एजेंसियां ठेकेदारों को एक महीने से ज्यादा का समय नहीं दे रही हैं। काम भी जल जीवन मिशन में ढाई से पांच लाख और बड़े काम 25 लाख तक के हैं। ऐसे में जिस गांव की योजना है, वहीं के युवा पाइप लाइन बिछाने के इन काम को कर सकते हैं। इसके लिए एजेंसियों ने टेंडर होने की अंतिम समय सीमा तक विभाग में अपना पंजीकरण कराने की छूट दी है। अधिकतर काम डी श्रेणी के हैं। ऐसे में कोई भी नया व्यक्ति भी इन कार्यों को कर सकता है।
जल संस्थान में यदि पंजीकरण कराया गया है, तो जल निगम में भी काम करने की छूट दी गई है। इसी तरह जल निगम के पंजीकृत ठेकेदार जल संस्थान में काम कर सकते हैं। विभागीय अधिकारियों की माने तो करीब पांच हजार से अधिक युवा पंजीकरण कर गांव में ही काम कर सकते हैं।

ऐसे बढ़ेगा रोजगार
इस योजना में ठेकेदारों को पाइप भी अपने स्तर से खरीदना है। ऐसे में स्थानीय ठेकेदारों की ओर से स्थानीय बाजार से पाइप समेत दूसरा सामान खरीदने से बाजार में डिमांड बढ़ेगी। लंबे समय से कोरोना के कारण मंद पड़े हार्डवेयर कारोबार में तेजी आएगी। स्थानीय खाली बैठे श्रमिकों को भी काम मिलेगा।

अभी 19.43 प्रतिशत घरों में ही नल
राज्य के 14.62 लाख घरों में से अभी 2.84 लाख घरों में ही नल हैं। कुल 19.43 प्रतिशत ही घर नल से जुड़ पाए हैं। यूएसनगर के 2.06 घरों में से 15 हजार घरों तक लाइन पहुंची है। पौड़ी में 1.24 लाख में 11 हजार, हरिद्वार में 2.45 लाख में 33 हजार, बागेश्वर के 52 हजार में आठ हजार, पिथौरागढ़ 94 हजार में 16 हजार, अल्मोड़ा 1.29 लाख में 23 हजार, टिहरी 1.31 लाख में 23 हजार, उत्तरकाशी 76 हजार में 13 हजार, चंपावत 46 हजार में 11 हजार, रुद्रप्रयाग 55 हजार में 15 हजार, नैनीताल में 1.09 लाख में 37 हजर, देहरादून में 1.21 लाख में 48 हजार, चमोली में 74 हजार में से सिर्फ 31 हजार घरों में ही पानी पहुंचा है।

सबसे पहले देहरादून, बागेश्वर का दबाव
जल जीवन मिशन में दिसंबर 2020 तक सबसे पहले देहरादून और बागेश्वर के शत प्रतिशत घरों तक पानी पहुंचाया जाना है। देहरादून में 73 हजार और बागेश्वर में 44 हजार घरों को नल से जोड़ा जाना है। ये काम अब 84 दिन में पूरा करना है। देहरादून के लिहाज से विभाग को हर दिन करीब 869 घरों में पेयजल का कनेक्शन पहुंचाना होगा। बागेश्वर में प्रतिदिन 523 घरों को नल से जोड़ा जाना है। अल्मोड़ा, चम्पावत, चमोली, नैनीताल, पौड़ी, पिथौरागढ़, रूद्रप्रयाग, टिहरी और उत्तरकाशी में पानी की लाईन वाले गांवों में 26 जनवरी 2021 तक सभी घरों तक कनेक्शन देने हैं। हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर के लिए 31 मार्च 2021 का लक्ष्य रखा गया है।

जल जीवन मिशन से हर घर को पेयजल कनेक्शन से जोड़ा जाएगा। ये योजना लॉकडाउन के दौरान स्वरेाजगार का भी एक बड़ा जरिया बनेगी। प्रवासी युवा अपने गांव की पेयजल लाइन का काम स्वयं कर सकते हैं। इस योजना की खासियत यही है कि छोटे छोटे काम कराए जा रहे हैं। लाइन बिछाने का काम गांव के ही युवाओं से कराया जा सके, इसके लिए विभाग में पंजीकरण करवा सकते हैं। ठेकेदार को ही अपने स्तर पर पाइप समेत दूसरा सामान, लेबर जुटानी है। इससे स्थानीय बाजारों में मांग बढ़ेगी। स्थानीय श्रमिकों को भी घर पर ही काम मिलेगा।
नितेश झा, सचिव पेयजल

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