तीन साल से ज्यादा समय से जमे कर्मचारियों को क्यों नहीं हटाता सचिवालय प्रशासन

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तीन साल से ज्यादा समय से जमे कर्मचारियों को क्यों नहीं हटाता सचिवालय प्रशासन
देहरादून। सचिवालय संघ ने दो टूक सवाल किया है कि सचिवालय प्रशासन क्यों तीन साल से ज्यादा समय से जमे कर्मचारियों को क्यों नहीं हटाता। क्यों हर बार तबादला नियमों की धज्जियां उड़ाई जाती हैं। संघ की बैठक में साफ किया गया कि यदि ठोस तबादला नीति और सचिवालय संवर्ग के कर्मचारियों, अफसरों का मान सम्मान बरकरार न रखा गया, तो आंदोलन तय है।
संघ की बैठक में अध्यक्ष दीपक जोशी ने कहा कि एक ऐसा सिस्टम तैयार हो, जिसमें तीन साल बाद स्वयं कर्मचारी का तबादला हो जाए। ऐसा न हो कि किसी को महज एक साल में हटा दिया जाए, तो कोई पांच साल बाद भी न हटाया जाए। महासचिव राकेश जोशी ने कहा कि तय व्यवस्था होने से कर्मचारी मानसिक रूप से तबादलों के लिए तैयार रहेगा। सचिवालय में तबादलों को लेकर कोई ठोस पारदर्शी व्यवस्था न होने पर नाराजगी जताई गई। सभी ने एक सुर से अनुभाग में न्यूनतम तीन साल की तैनाती के मानक को सख्ती के साथ लागू करने पर जोर दिया।
केंद्रीय सचिवालय की तरह कार्य नियमावली और मानक के आधार पर कार्य आवंटन हो। कहा कि सभी अनुसचिवों को दो अनुभाग, उप सचिवों को चार, संयुक्त सचिव को आठ अनुभाग का जिम्मा दिया जाए। बैठक में सचिवालय संवर्ग के वरिष्ठ अफसरों को उनकी वरिष्ठता के आधार पर तैनाती दिए जाने की मांग की गई। पदाधिकारियों ने कहा कि सचिवालय संवर्ग के 8700 ग्रेड पे वाले अफसर को किसी भी सूरत में 7600 ग्रेड पे वाले अफसर के अधीन न रखा जाए। 7600 ग्रेड पे वाले अफसरों को अपर सचिव का दायित्व न दिया जाए। बैठक में अध्यक्ष दीपक जोशी, महासचिव राकेश जोशी, कपिल कुमार, रीता कौल, एपी भट्ट, विमल जोशी, आशुतोष, राजकुमार पाठक, कंचन पांडे, पुष्पा नेगी, नागेश नेगी, प्रदीप पपनै, नरेंद्र प्रसाद रतूड़ी, भुवन जोशी, आरके पांडे, बच्ची सिंह बिष्ट, लाल सिंह नगरकोटी, नृपेंद्र त्रिपाठी, मोमिन खान आदि मौजूद रहे।

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