पेंशनर्स से राशिकरण का सहारा भी छीना
राशिकरण की सुविधा न मिलने से निगम कर्मचारी नाराज
जल निगम, जल संस्थान में नहीं मिल रहा है राशिकरण का लाभ
रिटायरमेंट के समय विभाग को पेंशन का कुछ बेचने की थी पहले सुविधा
जीटी रिपोर्टर, देहरादून
पेयजल की दोनों एजेंसियों में राशिकरण की सुविधा बंद हो गई है। इससे कर्मचारियों से लेकर पेंशनर्स तक नाराज हैं। जल निगम में पहले से ही इस सुविधा का लाभ नहीं मिल रहा था।
रिटायरमेंट के समय कर्मचारियों को राशिकरण के रूप में एक बड़ी रकम मिलती थी। राशिकरण की राशि पेंशन के एक हिस्से को अगले कुछ सालों के लिए निगम को बेच कर एकमुश्त रकम के रूप में प्राप्त की जाती थी। इससे रिटायरमेंट के बाद अपने दायित्वों से लेकर दूसरी जरूरतों को पूरा किया जाता था। पेंशन को कुछ सालों के लिए बेचने पर मिलने वाली रकम को हर महीने किश्तों के रूप में लौटाया जाता था। इससे कर्मचारी को दो तरह का नुकसान होता था। एक तो लौटाए जाने वाली रकम 14 प्रतिशत ब्याज के साथ लौटानी पड़ती थी, दूसरा हर महीने पेंशन कम मिलती थी। इसके बाद भी कर्मचारियों में राशिकरण की बेहद मांग रहती है। कर्मचारी इसे रिटायरमेंट के बाद एक बड़े सहारे के रूप में मानते हैं। कर्मचारी संगठन प्रबंधन पर लगातार राशिकरण की सुविधा को बहाल करने की मांग को लेकर दबाव बनाए हुए हैं। जल संस्थान पेंशनर्स वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि जल्द सुविधा को लागू किया जाए।
प्रबंधन वित्तीय स्थिति सही न होने का हवाला दे रहा है। जबकि इस व्यवस्था में प्रबंधन को ही लाभ है। एक तो पेंशनर्स को ज्यादा ब्याज पर पैसा लौटाना पड़ता है। दूसरा अगले कई सालों के लिए पेंशन भी कम देनी पड़ती है।
गजेंद्र कपिल, महामंत्री जल संस्थान कर्मचारी संघ
पेंशनर्स, कर्मचारी लंबे समय से राशिकरण की मांग कर रहे हैं। राशिकरण का लाभ न मिलने से वित्तीय नुकसान हो रहा है। प्रबंधन से यही मांग है कि जल्द से जल्द लाभ दिया जाए।
प्रवीन रावत, महामंत्री जल निगम पेंशनर्स सोसाइटी
राशिकरण की सुविधा पर सिर्फ अस्थायी रोक लगाई गई है। जैसे ही कोरोना संकट दूर होने के साथ ही वित्तीय स्थिति सामान्य और नियमित हो जाएगी, राशिकरण की सुविधा बहाल कर दी जाएगी।
एसके शर्मा, सीजीएम जल संस्थान