कर्मकार बोर्ड में रातों रात दर्ज हुए पंजीकृत श्रमिक हुए गायब, मोबाइल नंबर स्विच ऑफ, घरों के दर्ज पते पर भी नहीं मिल रहे, 15 जनवरी तक होगा इन श्रमिकों का वेरिफिकेशन, नहीं मिले तो निरस्त होगा पंजीकरण
देहरादून।
कर्मकार बोर्ड में रातों रात दर्ज हुए पंजीकृत श्रमिक अब गायब हो गए है। उनके मोबाइल नंबर स्विच ऑफ हैं, तो घरों के दर्ज पते पर भी वो नहीं मिल रहे हैं। ये हकीकत स्वयं श्रम इंस्पेक्टरों ने उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष और श्रमायुक्त की बैठक में रखी। बैठक में तय हुआ कि 15 जनवरी तक इन श्रमिकों का वेरिफिकेशन होगा। वेरिफिकेशन सही न होने पर इन श्रमिकों का पंजीकरण निरस्त होगा।
उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में पंजीकृत श्रमिक अब एक के बाद एक गायब हो रहे हैं। श्रमिकों के खातों में डीबीटीएल करने से पहले उनकी पड़ताल हो रही है। पंजीकरण के दौरान श्रमिकों के दिए फोन नंबर स्विच ऑफ हो गए हैं। जो पते दर्ज किए गए हैं, वहां श्रमिक मिल नहीं रहे हैं। इस पर बोर्ड प्रबंधन ने 15 जनवरी तक सभी श्रमिकों का वेरिफिकेशन पूरा करने के आदेश दिए।
कर्मकार बोर्ड में एक के बाद एक सामने आए फर्जीवाड़े के बाद दर्ज श्रमिकों में भी दहशत है। पूर्व में कई श्रमिकों के बोर्ड से मिली साइकिलें औने पौने दामों में बेचने की शिकायत मिल चुकी है। बोर्ड ने गैर श्रमिकों से अपना पंजीकरण निरस्त करवाने के साथ ही सामान लौटाने की भी अपील की थी। इसके बाद श्रम इंस्पेक्टरों ने फील्ड में जाकर पड़ताल शुरू की, तो चौकाने वाली तस्वीर सामने आ रही है।
बोर्ड की बैठक में शामिल हुए इंस्पेक्टरों ने बताया कि वेरिफकेशन के दौरान जब दिए हुए नंबरों और पतों पर संपर्क किया जा रहा है, तो लोग नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में आगे इन श्रमिकों को कैसे बोर्ड की योजनाओं का लाभ पहुंचाया जाए। कई श्रमिकों को पेंशन समेत तमाम दूसरे लाभ सीधे डीबीटीएल कराए जाते हैं। जो वेरिफिकेशन में श्रमिकों के न पाए जाने के कारण अटके हुए हैं। बोर्ड अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल ने बताया कि सभी श्रम इंस्पेक्टरों को 15 जनवरी तक वेरिफिकेशन का काम पूरा करने को कहा गया है। जो सही हैं, उनके खाते में डीबीटीएल किया जाए। जो नहीं पाए जा रहे हैं, नियमानुसार उन पर फैसला लिया जाए।
जांच के बाद ही बंटेगी अब साइकिलें
श्रमिकों को साइकिल, टूल किट, सिलाई मशीन समेत तमाम दूसरा सामान जांच पूरी होने के बाद ही मिलेगा। साइकिलों की जांच डीएम देहरादून, पौड़ी, हरिद्वार, यूएसनगर को दी गई है।
श्रमिक योजनाओं के लिए नहीं पैसे की कमी
बोर्ड अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल ने बताया कि श्रमिकों से जुड़ी योजनाओं के लिए पैसे की कोई कमी नहीं है। इसके लिए श्रम विभाग के सभी अफसरों को बजट उपलब्ध कराया गया है।