उत्तराखंड कार्मिक एकता मंच एक सितंबर से सभी जिलों में शुरू करेगा अभियान
जीटी रिपोर्टर। देहरादून
उत्तराखंड कार्मिक एकता मंच ने प्रमोशन रोकने वाले अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। ऐसे अफसरों के खिलाफ हल्ला बोल अभियान चलाया जाएगा। एक सितंबर से मंच प्रदेश स्तर पर जनजागरण अभियान शुरू करेगा।
कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान को लेकर मंच की ओर से वेबिनार का आयोजन हुआ। कर्मचारियों के बीच बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे मुख्य अतिथि अपर सचिव कार्मिक सुमन सिंह वाल्दिया ने कहा कि शहीदों के सपनों को पूरा करने के जिस मूल उद्देश्य को लेकर एकता मंच ने विकास की जवाबदेही को एकता की मुहिम छेड़ी है, वह सराहनीय है। वेबिनार में वक्ताओं ने हड़ताल के कारणों की समीक्षा करते हुए चिन्हित कारणों को जवाबदेही तय किये जाने की मांग की ।
अध्यक्ष रमेश चंद्र पांडे ने कहा कि पदोन्नति के मामलों के निस्तारण को सरकार ने बेहतरीन व्यवस्था बनाई है। लेकिन बिना वजह प्रमोशन रोकने वालों के विरुद्ध कार्यवाही का कोई प्रावधान नहीं किया गया है। उन्होंने बेसिक संवर्ग से एलटी में समायोजित और पदोन्नत शिक्षकों की पूर्व सेवा को जोड़ते हुए उन्हें चयन एवं प्रोन्नत वेतनमान दिये जाने के मामले में शासन स्तर से बरती जा रही हीलाहवाली पर भी नाराजगी जताई ।
उन्होंने लगाया कि कार्मिकों की समस्यायों के समाधान हेतु संवाद शून्यता समाप्त करने को हाईकोर्ट ने दिशा निर्देश दिए। इसके बावजूद बावजूद शासन एवं विभागाध्यक्षों के स्तर से कार्मिक संघों के साथ नियमित रूप से तिमाही बैठक नहीं की जा रही है। जिन मांगों पर सहमति होती है, उसके अनुरूप कार्यवाही नहीं होती। इससे हड़ताल की नौबत आती है। कहा कि गंगोत्री से गंगा जल का कलश लेकर एक सितम्बर से सभी जिलों में एकता यात्रा के साथ विचार गोष्ठियों का आयोजन होगा। राज्य के समूचे कार्मिक समुदाय से अपने वजूद को एक मंच पर आने का आह्वान किया। अभियान को सीताराम पोखरियाल को गढ़वाल मंडल का मंडलीय संयोजक बनाया गया। वेबिनार में महासचिव दिगम्बर फुलोरिया, पंकज कांडपाल, सीताराम पोखरियाल, प्रदीप पपनै, दीपशिखा मेलकानी, अनीता साह, रेखा जोशी, मदन गोस्वामी, भरत सिंह रावत, गिरीश असवाल, गोविंद बिष्ट, संजीव डोभाल आदि मौजूद रहे।