गुस्से में जूनियर इंजीनियर, मांगे न माने जाने से हैं नाराज, देखिए क्या है आंदोलन का कार्यक्रम
देहरादून।
विद्युत डिप्लोमा इंजीनियर एसोसिएशन की केंद्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मांगों के निस्तारण में हो रही देरी पर सख्त नाराजगी जताई गई। तय किया गया कि ऊर्जा निगमों में प्रबंधन, डिप्लोमा धारक अवर अभियंताओं की वर्षों से लंबित पड़ी समस्याओं पर कोई कार्रवाई नहीं होती, तो आंदोलन तय है।
विद्युत डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन की शनिवार को यमुना कॉलोनी में बैठक हुई जिसमें ऊर्जा के तीनों निगमों में कार्यरत जूनियर इंजीनियरों की अनदेखी का आरोप लगाया गया। अध्यक्ष पंकज सैनी ने कहा कि मांगों के निस्तारण को लेकर कई बार पत्र लिखे जा चुके हैं। पूर्व में भी कई बार वार्ता हो चुकी है। आश्वासन दिए जा चुके हैं। इसके बाद भी कोई समाधान नहीं निकाला जा रहा है। ऐसे में आंदोलन ही एकमात्र विकल्प शेष बचा है। तय हुआ कि मांगों के निस्तारण को लेकर प्रबंधन पर दबाव बनाया जाए।
विद्युत डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन ने ऊर्जा के तीनों निगमों के कार्यरत जूनियर इंजीनियरों को जनवरी 2006 से 4800 ग्रेड पे देने की मांग की। इसके साथ ही अन्य सभी मांगों पर कार्रवाई न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी गई है। एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि अपनी मांगों को लेकर एसोसिएशन की ओर से 16 अक्तूबर से लेकर 29 अक्तूबर तक ज्ञापन और ईमेल के जरिए सरकार को अपनी मांगों से अवगत कराया जाएगा। इसके बाद भी मांगों पर कार्रवाई न होने पर पांच नवम्बर को बैठक बुलाई जाएगी जिसमें उग्र आंदोलन का ऐलान किया जाएगा। बैठक में पदाधिकारियों ने मांग उठाई कि ऊर्जा निगम के जूनियर इंजीनियरों को जनवरी 2006 से 4800 ग्रेड पे का लाभ देने के साथ ही पदोन्नति कोटा बढ़ाने और जीपीएफ व पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ देने की मांग की गई है। इस अवसर पर अध्यक्ष अशोक शर्मा, नीरज तिवाड़ी, पंकज सैनी, प्रदीप शर्मा, भानु जोशी, हंसराज, शलभ वर्मा, देवेंद्र चौहान, अनुज शर्मा सहित अनेक इंजीनियर मौजूद थे।
चरणबद्ध आंदोलन
1–15 अक्टूबर से पांच नवंबर तक मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव, निगम अध्यक्ष, प्रबंध निदेशकों को ज्ञापन
2–16 से 22 अक्टूबर तक काली पट्टी बांध कर जताया जाएगा विरोध, सभी महाप्रबंधक कार्यालय से शाम को गेट मीटिंग
3–29 अक्टूबर तक समस्याओं का समाधान ना होने पर सभी परियोजनाओं पर एक दिवसीय धरना
4–5 नवंबर 2020 को जल विद्युत निगम मुख्यालय पर केंद्रीय कार्यकारिणी का एक दिवसीय उपवास
जूनियर इंजीनियरों की प्रमुख मांगे
1– तीनों विद्युत निगमों में जूनियर इंजीनियरों को को ग्रेड वेतन 4600 का लाभ शासन के अन्य इंजीनियरिंग विभागों के समान एक जनवरी 2009 से काल्पनिक रूप से और एक मार्च 2013 से वास्तविक रूप से दिया जाए
2–ऊर्जा के तीनों निगमों में उत्तराखंड शासन तथा अन्य निगमों की तरह सहायक अभियंता के पद पर डिप्लोमा इंजीनियर जूनियर इंजीनियर को पदोन्नति कोटा 40 से बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया जाए
3–तीनों ऊर्जा निगम में मौलिक रूप से नियुक्त सभी जेई को एसीपी के तहत पूर्व की भांति 9, 14, 19 वर्ष की सेवा पूरी करने पर एई, एक्सईएन और उप महाप्रबंधक का ग्रेड वेतन पदोन्नत वेतनमान के रूप में दिया जाए
4–साइटों पर ई आरपी में लॉगिन आईडी और आईटी उपकरण नहीं दिए जा रहे हैं। जल्द उपकरण उपलब्ध कराए जाएं
5–जूनियर इंजीनियर संवर्ग के साथ नई सेवा नियमावली में भेदभाव बंद किया जाए