वन कर्मचारियों की बड़ी मुराद पूरी, डिप्टी रेंजर बनने की अड़चन दूर
जीटी रिपोर्टर, देहरादून
वन विभाग में फॉरेस्टरों के डिप्टी रेंजर पद पर प्रमोशन की बड़ी अड़चन दूर हो गई है। इससे प्रदेश में लंबे समय से प्रमोशन का इंतजार कर रहे सैकड़ों फारेस्टरों की पदोन्नति का रास्ता साफ हो गया। वन विभाग ने चार साल की वरिष्ठता देने पर सहमति दे दी है।
अब डिप्टी रेंजर पद पर प्रमोशन को ऐसे फारेस्टर भी पात्र होंगे, जिनकी आठ साल की सेवा पूरी नहीं हो पाई है। इस सुविधा का लाभ तीन सौ कर्मचारियों को मिलेगा। 2010 में वन विभाग में फारेस्ट गार्डों को सर्किलवार पदोन्नति देकर फारेस्टर बनाया गया। लेकिन सर्किल में पदों के अनुसार पदोन्नति दी गई। इससे वरिष्ठ फॉरेस्ट गार्ड को प्रमोशन नहीं मिल पाया। 2014 में प्रदेश स्तर से वरिष्ठता निर्धारण कर इनके प्रमोशन कर दिए गए। जबकि इनके प्रमोशन 2010 में ही हो जाने चाहिए थे। चार साल बाद प्रमोशन पाने के कारण ये डिप्टी रेंजर में पदोन्नति को आठ साल की जरूरी मानक पूरी नहीं कर पा रहे थे। इनका कहना था कि उनकी पदोन्नति विभागीय देरी के कारण हुई।
सीसीएफ कार्मिक मनोज चंद्रन ने बताया कि ऐसे में उन्हें चार साल पहले से ही पदोन्नति का लाभ दे दिया जाए। चाहे ये नोशनल के रूप में ही मिले। इस पर अब सीसीएफ कार्मिक ने सहमति दे दी है। विभागीय देरी के कारण 2014 में पदोन्नति पाने वाले फारेस्टरों को 2010 से पदोन्नति का लाभ दिया जाएगा। जिस कार्मिक की गलती से प्रमोशन में देरी हुई उसे ये लाभ नहीं मिलेगा। सभी का परीक्षण कराया जा रहा है।