विधायकों के वेतन से कटौती के अध्यादेश को कैबिनेट की मंजूरी, अब हर महीने एमएलए के वेतन से कटेंगे 57600 रुपये
कटौती में टालमटोल करते आ रहे थे विधायक, अभी तक सिर्फ नौ से तीस हजार रुपये की ही कटौती करवा रहे थे विधायक
जीटी रिपोर्टर, देहरादून
विधायकों के वेतन से कटौती के अध्यादेश को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। अब हर महीने एमएलए के वेतन से 57600 रुपये की कटौती होगी। अभी तक विधायक कोरोना संकट में सहयोग के रूप में कटौती से कतरा रहे थे। विधायक सिर्फ नौ से तीस हजार रुपये की ही कटौती करवा रहे थे।
कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि सभी विधायकों के मूल वेतन, निर्वाचन क्षेत्र भत्ता,सचिवीय भत्ते में भी तीस प्रतिशत की कटौती होगी। ये कटौती एक अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 तक होगी। राज्य विधानसभा सदस्यों की पेंशन, वेतन एवं उपलब्धियों से संबंधित अध्यादेश में संशोधन किया गया है। कहा कि कुछ भ्रम की स्थिति की वजह से विधायक सभी तीनों मदों से कटौतियां करवा रहे थे। इस स्थिति को दूर करने को यह अध्यादेश लाया जा रहा है।
भाजपा विधायकों पर था कम कटौतियों का आरोप
वेतन कटौतियां न कराने को लेकर भाजपा विधायकों पर आरोप लग रहे थे। कांग्रेस के सभी विधायक वेतन-भत्तों से 30 प्रतिशत की कटौतियां करवा रहे थे। भाजपा के 13 विधायक ही कटौती करवा रहे थे। वेतन भत्तों से महज नौ से तीस हजार रुपये ही दे रहे थे।
कांग्रेस विधायक ने खोला था मामला
कांग्रेस के केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने सूचना अधिकार के तहत इस मामले का खुलासा किया था। इसके बाद से कांग्रेस सरकार के खिलाफ हमलावर रुख अपनाए हुए थी। लगातार बढ़ते हमलों के कारण भाजपा बैकफुट पर नजर आ रही थी।