जौनसार भाबर के लोगों को मिलेगा जमीनों पर मालिकाना हक, कैबिनेट ने वर्ग चार की जमीन के विनियमितीकरण को दी मंजूरी
जीटी रिपोर्टर, देहरादून
जौनसार भाबर क्षेत्र में वर्ग चार की भूमि पर काबिज लोगों को भी मालिकाना हक मिलेगा। इसके लिए कैबिनेट ने वर्ग चार की जमीन के विनियमितीकरण को उत्तराखंड जौनसार भाबर जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1956 में संशोधन को मंजूरी दे दी है। ऐसे में अब 30 जून 1983 और उससे पहले के अवैध कब्जों के मामले में भी मालिकाना हक दिया जा सकेगा।
देहरादून जिले में कालसी, चकराता और त्यूनी तहसील अंतर्गत क्षेत्रों में उत्तराखंड जोनसार भाबर जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1956 लागू है। इन क्षेत्रों में उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950) का कोई भी संशोधन लागू नहीं किया गया है। इसके कारण इन क्षेत्रों में राज्य सरकार का 18 जुलाई 2016 का शासनादेश लागू नहीं होता। इस वजह से अभी तक जौनसार भाबर क्षेत्र में वर्ग चार की भूमि पर अवैध रूप से काबिज और पट्टेदारों को भूमिधरी अधिकार का लाभ नहीं मिल पा रहा था।
गुरुवार को कैबिनेट ने इस व्यवस्था में बदलाव करने पर मुहर लगा दी है। अब इन जमीनों पर काबिज लोगों को मालिकाना हक मिल सकेगा। जमीनें राजस्व रिकॉर्ड में लोगों के नाम पर दर्ज हो सकेंगी। लोग इन जमीनों पर लोन ले सकेंगे। चकराता, त्यूनी, कालसी तीनों तहसीलों में हजारों लोगों को इसका लाभ मिल सकेगा। कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि राज्य में दूसरे क्षेत्रों में तो लोगों को वर्ग चार की जमीन पर मालिकाना हक प्राप्त हो रहा है। जौनसार भाबर एक्ट के कारण लोगों को ये लाभ नहीं मिल पा रहे थे। एक्ट में संशोधन के बाद अब जौनसार भाबर क्षेत्र में भी लोगों को मालिकाना हक मिल सकेगा।