ऊर्जा निगम के 13 इंजीनियरों को चार्जशीट, 30 करोड़ का नुकसान पहुंचाने पर कार्रवाई, सचिव ऊर्जा के आदेश पर शुरू हुई थी जांच

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ऊर्जा निगम के 13 इंजीनियरों को चार्जशीट, 30 करोड़ का नुकसान पहुंचाने पर कार्रवाई, सचिव ऊर्जा के आदेश पर शुरू हुई थी जांच
जीटी रिपोर्टर, देहरादून
ऊर्जा निगम के 13 इंजीनियरों को चार्जशीट थमा दी गई है। इंजीनियरों पर आरोप है कि उनकी लापरवाही के कारण यूपीसीएल को 45 लाख के काम का 30 करोड़ भुगतान करना पड़ रहा है। जूनियर इंजीनियर से लेकर चीफ इंजीनियर तक को चार्जशीट थमाई गई है। इंजीनियरों पर चार्जशीट की गाज जिटको कंपनी विवाद में थमाई गई है।
पूरा विवाद 16 पहले जिटको कंपनी को दिए गए काम से जुड़ा है। इंजीनियरों की लापरवाही के कारण ऊर्जा निगम पर अनावश्यक 32 करोड़ का वित्तीय भार पड़ा। दो करोड़ के काम का 32 करोड़ भुगतान करने की नौबत पैदा हो गई है। इस 32 करोड़ के घपले में आरोपी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई को सचिव ऊर्जा राधिका झा पूर्व में ही आदेश दे चुकी थी। सचिव ऊर्जा के दखल के बाद ही इस मामले में जांच शुरू हुई। नहीं तो यूपीसीएल प्रबंधन ने 15 साल तक इस मामले में किसी भी आरोपी इंजीनियर के खिलाफ कार्रवाई तो दूर एक नोटिस तक जारी नहीं किया। जांच समिति के अध्यक्ष मुख्य अभियंता रजनीश अग्रवाल और निदेशक एचआर एके सिंह ने चार्जशीट जारी किए जाने की पुष्टि की।

ये है पूरा विवाद
यूपीसीएल ने वर्ष 2004 में जिटको कंपनी से बिजली घरों के निर्माण व अन्य 30 करोड़ के कार्यों के कुल छह एग्रीमेंट किए। इस पर 28 करोड़ से ज्यादा का भुगतान हुआ। कंपनी ने ये सभी काम समय पर नहीं किए। कुछ अफसरों ने कई काम एग्रीमेंट से बाहर जाकर कराए। इसके लिए कहीं से भी कोई मंजूरी न लेने के आरोप हैं। भुगतान के समय ऐसे दो करोड़ की फाइलों को रोक दिया गया। भुगतान लटकता देख कंपनी कोर्ट गई। कोर्ट के निर्देश पर आर्बिटेटर नियुक्त हुए। लंबी चली सुनवाई में दो करोड़ के काम का 32 करोड़ भुगतान का फैसला कंपनी के पक्ष में आया।

हर दिन एक लाख का जुर्माना
इस मामले में दिलचस्प ये है कि भुगतान में जितनी देरी होगी, निगम को साढ़े 12 प्रतिशत ब्याज दर से अतिरिक्त भुगतान करना होगा। इस लिहाज से निगम पर प्रतिदिन एक लाख रुपये का जुर्माना बढ़ता जा रहा है।

45 लाख के काम का 32 करोड़ भुगतान
यूपीसीएल को जो 32 करोड़ का भुगतान करना है, उसमें से 30 करोड़ बिना किसी काम के देने हैं। इसमें 15 करोड़ इस्टेबलिशमेंट लॉस समेत लॉस ऑफ प्रॉफिट के देने हैं। 15 करोड़ ब्याज के देने हैं। यदि यही भुगतान समय होता, तो 45 लाख अतिरिक्त कार्य और डेढ़ करोड़ बकाया भुगतान के देने होते।

इन्हें थमाई चार्जशीट
मुख्य अभियंता आरएस बर्फाल, जीएम मोहम्मद इकबाल, एसई डीएस खाती, मोहित जोशी, राहुल जैन, आरसी मयाल, एक्सईएन वीरेंद्र सिंह पंवार, वाईएस तोमर समेत तीन सहायक अभियंता और दो जूनियर इंजीनियरों को चार्जशीट जारी की गई।

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