यमुनोत्री तक रोपवे से पहुंचेंगे श्रद्धालु, कैबिनेट ने निपटाए पुराने विवाद
देहरादून। आने वाले समय में यमुनोत्री आने वाले श्रद्धालुओं को कठिन रास्तों का सामना नहीं करना पड़ेगा। बल्कि रोपवे के जरिए रोमांच के सफर की अनुभूति करेंगे। इसके लिए सरकार ने जानकीचट्टी (खरसाली) से यमुनोत्री तक रोपवे निर्माण की दिशा में मौजूद सभी व्यवधानों को दूर कर दिया है। 2012 से अटके हुए इस रोपवे के निर्माण को कैबिनेट ने अहम फैसले लिए। जिस कंपनी के साथ विवाद चल रहा था, उसकी जब्त की गई बैंक गारंटी और भूमि खरीद का पैसा वापस लौटाया जाएगा। सरकार स्वयं पीपीपी मोड पर अब इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाएगी।
कैबिनेट ने 3.50 करोड़ की जब्त की गई बैक गारंटी और प्रोजेक्ट के लिए खरीदी गई 1.56 करोड़ की जमीन का पैसा कंपनी को लौटाने का फैसला किया है। रोपवे का काम मैसर्स टॉप वर्थ इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड को 2012 में दिया गया था। प्रोजेक्ट निर्माण को यमुनोत्री रोपवे प्रोजेक्ट कंपनी नाम से एक स्पेशल परपज व्हीकल(एसपीवी) का गठन किया गया। डेढ़ साल तक भी निजी निवेशकों के स्तर पर काम शुरू न करने पर कंपनी से उनके वित्तीय दस्तावेज समेत अन्य कागजात मांगे गए। जो नहीं दिखाए जाने पर 29 अप्रैल 2016 में करार निरस्त कर दिया गया। तब से प्रोजेक्ट को लेकर विवाद चल रहा था। जो कैबिनेट ने दूर कर दिया है। अब इस प्रोजेक्ट को पर्यटन विभाग स्वयं पीपीपी मोड पर संचालित करेगा। कैबिनेट ने साफ किया कि अब योजना के स्थान में भी कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।