70 करोड़ की वसूली न होने पर कंपनी के खिलाफ होगी एफआईआर, नपेंगे यूपीसीएल के दोबारा टेंडर में कंपनी को काम देने वाले अफसर
जीटी रिपोर्टर देहरादून।
70 करोड़ की वसूली न होने पर कंपनी के खिलाफ एफआईआर के आदेश सचिव ऊर्जा राधिका झा ने दिए हैं। इसके साथ ही जांच में नियमानुसार दोषी पाए जाने वाले यूपीसीएल के लोगों के खिलाफ भी केस दर्ज करने को कहा है। यूपीसीएल ऑडिट के जो अफसर सालों तक इस गड़बड़ी को पकड़ नहीं पाए, उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी। कंपनी को दोबारा टेंडर में काम देने वाले अफसरों पर भी कार्रवाई होगी।
सचिव ऊर्जा ने आदेश में कहा है कि गड़बड़ी में वित्त और कमर्शियल विंग की लापरवाही है। उन्होंने सबसे पहले शत प्रतिशत वसूली सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। कहा कि मौजूदा जांच एक सप्ताह में पूरी की जाए। कार्रवाई की गाज यूपीसीएल के ऑडिट के उन अफसरों पर भी गिरेगी, जिनकी नजर सालों तक इस मामले पर पड़ी ही नहीं। इसमें कई अन्य अफसर भी लपेटे में आएंगे। सचिव ऊर्जा ने उनके खिलाफ भी कार्रवाई के निर्देश दिए।
कंपनी को दोबारा काम देने वाले अफसर भी नपेंगे। इन अफसरों की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। मार्च में 70 करोड़ से ज्यादा का बकाया होने पर भी दोबारा टेंडर में इसी कंपनी का चयन हुआ। कंपनी का पैसा नियमित रूप से 2018 से आना बंद हुआ। इसके बाद भी उसे डिफॉल्टर घोषित नहीं किया गया। मार्च में हुई टेंडर प्रक्रिया में न सिर्फउसे शामिल किया गया, बल्कि उसे चुन भी लिया गया। बाकायदा एक साल की बजाय दो साल का करार किया गया। सवाल उठ रहा है कि अफसरों ने टेंडर प्रक्रिया में चयन करते समय कंपनी की परफार्मेंस का आंकलन क्यों नहीं किया। जबकि कंपनी यूपीसीएल की ही डिफॉल्टर रही। कमर्शियल विंग के उन अफसरों पर भी गाज गिरेगी, जिन्होंने तीन दिन वसूली सुनिश्चित करने की बजाय एक महीने बाद बिलिंग करते रहे। सचिव ऊर्जा राधिका झा ने कहा कि इस मामले में जो जो भी जिस स्तर पर दोषी है, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।