काम आया आईटीआई कर्मचारियों का दबाव, शासन ने मांगी मांगे, आंदोलन हुआ स्थगित
देहरादून।
उत्तराखंड राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान कर्मचारी संघ की मांगों पर कार्रवाई का सचिव कौशल विकास की ओर से लिखित आश्वासन मिलते ही आंदोलन समाप्त कर दिया गया। संघ को आश्वस्त किया गया कि कार्यदेशक और प्रधानाचार्य के रिक्त पदों पर पदोन्नति को एक सप्ताह में प्रस्ताव आयोग को भेज दिया जाएगा। कर्मचारियों के गूगल शीट भरने की व्यवस्था पर भी तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है।
कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद जोशी और महामंत्री पंकज सनवाल ने बताया कि कर्मचारियों की छह में से पांच मांग मान ली गई हैं। लिखित आश्वासन दिया गया है। कार्यवृत में बाकायदा एक एक बिंदु पर स्थिति स्पष्ट की गई है। कार्यदेशक, प्रधानाचार्य के मामले में सात दिन में आयोग को प्रस्ताव जाएगा। भंडारी संवर्ग की पदोन्नति 15 दिन के भीतर होगी। सत्रांत लाभ के शासनादेश का परीक्षण कर निदेशक को सीधे अधिकार दिए जाएंगे।
विभागीय पुनर्गठन में पदों को अंतिम रूप दिए जाने के समय संघ के पदाधिकारियों से भी वार्ता की जाएगी। संचालित और असंचालित सभी संस्थानों में पद रखे जाएंगे। मृतक आश्रितों के प्रकरणों को भी तत्काल निस्तारित किया जाएगा। कहा कि लिखित आश्वासन के बाद आंदोलन स्थगित किया गया है। यदि जल्द सभी मांगे पूरी नहीं हो जाती, तो दोबारा आंदोलन का रास्ता खुला है। संघ की एसीआर के नये फार्मेट को समाप्त किए जाने की मांग पर सहमति नहीं बन पाई। संघ पदाधिकारियों ने सचिव रंजीत सिन्हा को स्पष्ट किया कि कार्यदेशक, अनुदेशक, भंडारी संवर्ग कार्मिक विभाग के नियमों से हट कर जारी किए गए फार्मेट पर स्वमूल्यांकन आख्या नहीं भरेगा। संघ के स्तर पर विरोध जारी रहेगा।