नौकरशाही से महाराज भी नाराज, कहा जब तब सीआर लिखने का नहीं मिलता अधिकार, ये सचिव नहीं सुनने वाले 

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नौकरशाही से महाराज भी नाराज, कहा जब तब सीआर लिखने का नहीं मिलता अधिकार, ये सचिव नहीं सुनने वाले

देहरादून।

उत्तराखंड में नौकरशाही लगातार निशाने पर है। मंत्री रेखा आर्य और निदेशक महिला बाल विकास वी षणमुगम के बीच चल रहे विवाद में अब पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज भी कूद पड़े हैं। उन्होंने मंत्री रेखा आर्य का पक्ष लेते हुए कहा कि जब तक सचिवों की सीआर लिखने का अधिकार विभागीय मंत्रियों को नहीं मिलेगा, ये सचिव किसी की नहीं सुनने वाले। महाराज ने साफ किया कि विभागीय सचिवों की सीआर से जुड़ी कोई सूचना कार्मिक विभाग की ओर से उपलब्ध नहीं कराई जाती।
पर्यटन मंत्री ने कहा कि रेखा आर्य को सम्मानित और जिम्मेदार मंत्री बताते हुए कहा कि उनकी बात सुनी जानी चाहिए। इसके साथ ही विभागीय सचिवों की सीआर लिखने का अधिकार मंत्रियों को मिलना चाहिए। राज्य में नौकरशाही लगातार मंत्री, विधायकों के निशाने पर है। एक के बाद एक नौकरशाही के साथ विवाद सामने आ रहे हैं। विभागीय सचिवों, अफसरों के कामकाज पर लगातार मंत्री, विधायक सवाल उठाते रहे हैं। अब रेखा आर्य प्रकरण में नौकरशाही के साथ खींचतान सतह पर आ गई है। कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने भी नौकरशाही को आड़े हाथ लेते हुए सुभाष रोड स्थित अपने कैंप कार्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मंत्री ही सचिव की सीआर लिखें, ये बहुत जरूरी हो गया है। तभी विभागीय सचिव समेत तमाम अफसर मंत्रियों की सुनेंगे। उन्होंने कहा कि देश के बाकि राज्यों में यही परंपरा है कि मंत्री ही सचिवों की सीआर लिखते हैं। केवल उत्तराखंड राज्य में ही ऐसी परिपाटी चला कर रखी है, जिसमें मंत्री अपने विभागीय सचिवों की सीआर नहीं लिखते। जबकि पहले सीआर लिखने का अधिकार था। उन्होंने कहा कि जब वे रेल राज्यमंत्री और वित्त राज्यमंत्री रहे। वहां भी सचिवों की सीआर लिखने का अधिकार था। उत्तराखंड में भी ये परंपरा बहाल होनी चाहिए।

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