विभागों के एकीकरण के खिलाफ कर्मचारी संगठन, नजरअंदाज करने का लगाया आरोप
देहरादून।
विभागों के एकीकरण के खिलाफ कर्मचारी संगठनों ने मोर्चा खोल दिया है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने शासन स्तर पर चल रही विभागों के एकीकरण की प्रक्रिया का विरोध किया। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने साफ किया कि यदि विभागीय कर्मचारियों को विश्वास में लिए बिना एकीकरण का प्रयास किया गया, तो इसका विरोध होगा।
परिषद की बैठक में शासन स्तर पर चल रही एकीकरण की तैयारियों को लेकर चर्चा हुई। कार्यकारी महामंत्री अरुण पांडे ने कहा कि एकीकरण में निचले स्तर के पदों में कटौती प्रस्तावित की जा रही है। किसी भी विभागीय कर्मचारी संगठन से इसे लेकर कोई बात नहीं हो रही है। जबकि मुख्यमंत्री और विभागीय मंत्री कई बार साफ कर चुके हैं कि कर्मचारी संगठनों को साथ लेकर प्रक्रिया शुरू की जाए। पूर्व में तत्कालीन कृषि सचिव डी सेंथिल पांडियन के साथ हुई बैठक में मात्र शासन स्तर पर एक महानिदेशक की नियुक्ति का प्रस्ताव पारित करने पर एकराय बनी थी। दोनों विभागों के मौजूदा ढांचे में किसी प्रकार का बदलाव नहीं होगा। विभागीय निदेशक अपने अपने विभागीय संगठनों की बैठक कर जरूरत के अनुसार औचित्यहीन पदों को समाप्त करते हुए नई तकनीक से जुड़े पदों के सृजन के निर्देश देंगे।
अब बताया जा रहा है कि इन सुझावों पर अमल करने की बजाय सीधे ही विभागीय एकीकरण किया जा रहा है। एकीकृत कार्य बंटवारा भी कर दिया गया है। तय हुआकि जल्द इस मसले पर विभागीय मंत्रियों के साथ ही मुख्यमंत्री से भी बात की जाएगी। विरोध दर्ज कराने के साथ ही अपनी मांगों के निस्तारण की भी मांग की जाएगी। बैठक में ठाकुर प्रहलाद सिंह, नंदकिशोर त्रिपाठी, अरुण पांडे, शक्ति प्रसाद भट्ट, डीएस असवाल, वीके धस्माना, दीपक पुरोहित, गिरीजेश कांडपाल, पीएस रौथाण, सुनील देवली, देवेंद्र रावत, इंद्रमोहन कोठारी, हर्षमोहन नेगी, आरपी जोशी, ओमवरी सिंह, गुड्डी मटूडा आदि मौजूद रहे।