क्या वी षणमुगम कर सकते हैं कोई गलत काम, लोगों को नहीं हो रहा विश्वास, एसीएस ने शुरू की मंत्री, आईएएस विवाद की जांच
देहरादून।
आईएएस अफसर वी षणमुगम क्या कोई गलत काम कर सकते हैं। इसे लेकर किसी को विश्वास नहीं हो रहा है। क्योंकि सभी का ये मानना है कि उनसे गलत तो क्या कोई सही काम भी नहीं करवा सकता। ऐसे में गलत काम की तो गुंजाइश ही नहीं है। इसी मामले में अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार ने महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास राज्यमंत्री रेखा आर्य और आईएएस अफसर वी षणमुगम के बीच चल रहे विवाद की जांच शुरू कर दी है। मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार को जांच अधिकारी बनाने के आदेश किए थे।
आउटसोर्स भर्ती कंपनी के चयन को लेकर विवाद खड़ा हुआ है। नौकरशाही में वी षणमुगम की छवि बेहद सख्त और ईमानदार अफसर के रूप में है। उन पर हमेशा सवाल उठते हैं कि वो किसी सही काम को भी करने से पहले सौ बार सोचते हैं। ऐसे में क्या वो गलत काम कर सकते हैं, इस पर नौकरशाही से लेकर कोई भी विश्वास नहीं कर पा रहा है। दूसरी ओर आरेाप लगाया जा रहा है कि गलत कंपनी का चयन किया गया है। जानकारों की माने तो चयन एल वन कंपनी का किया गया है। जबकि दबाव नीचे की कंपनी के चयन का बन रहा था। इस विवाद के बीच विभागीय मंत्री ने निदेशक षणमुगम के गायब होने की सूचना देहरादून पुलिस को देते हुए उन्हें तलाश करने की मांग की थी।
बाद में विभागीय सचिव सौजन्या ने स्थिति साफ की थी कि षणमुगम आइसोलेशन में घर पर हैं। मंत्री का आरोप था कि वी षणमुगम न तो फोन उठा रहे हैं, न ही कोई संपर्क किया गया है। इस बढ़ते विवाद के बीच मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्य सचिव को आदेश दिए थे कि वे किसी वरिष्ठ आईएएस अफसर को प्रकरण के सभी पहलुओं की जांच कराएं। मुख्यमंत्री के आदेश पर मुख्य सचिव ने अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार को जांच अधिकारी बनाया। मनीषा पंवार ने जांच शुरू कर दी है। उन्हें मुख्य सचिव ने जल्द जांच पूरी करने को कहा है। जांच एक सप्ताह में पूरी होगी।