जल निगम में 30 से ज्यादा इंजीनियरों की 15 साल बाद जा सकती है नौकरी, जानिए क्या है वजह
देहरादून।
जल निगम में 30 से ज्यादा इंजीनियरों की नौकरी जा सकती है। गलत जाति प्रमाण पत्र, आरक्षण कोटे का गलत तरीके से लाभ लेने के मामले में इन इंजीनियरों की नौकरी पर संकट गहरा गया है। शासन ने इस गड़बड़ी पर जल निगम मुख्यालय से नियुक्तियों का पूरा रिकॉर्ड तलब कर लिया है। न्याय, कार्मिक विभाग की राय ली जा रही है।
जल निगम में 2005 में असिस्टेंट इंजीनियर और जूनियर इंजीनियरों के पदों पर भर्ती हुई। भर्ती का जिम्मा पंजाब यूनिवर्सिटी को मिला। पंजाब यूनिवर्सिटी ने परीक्षा के बाद मेरिट लिस्ट जल निगम मुख्यालय को सौंपी। मुख्यालय ने मेरिट के आधार पर नियुक्ति दी। कई ऐसे लोगों को भी नियुक्ति दे दी गई, जिनकी अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र राज्य से बाहर के थे। इसमें दिल्ली, यूपी, बिहार के लोगों को नियुक्ति दी गई। इसका खुलासा करीब 14 साल बाद आरटीआई में हुआ।
इसके बाद अपर सचिव जीबी औली ने इस मामले के जांच के आदेश देते हुए जल निगम प्रबंध निदेशक से रिकार्ड तलब किया है। उन्होंने इस बाबत न्याय व कार्मिक विभाग से भी राय मांगी है। सूत्रों के अनुसार जल निगम में कोटे के पदों पर लगभग 30 लोगों के गलत सार्टिफिकेट के आधार पर नियुक्तियां हुई हैं। नियुक्ति प्रक्रिया में सिर्फ एससी कोटे में ही गड़बड़ी नहीं हुई, बल्कि महिला कोटे में भी धांधली हुई। दूसरे राज्य की महिलाओं को महिला कोटे में उत्तराखंड में नियुक्ति दी गई।
नोएडा विकास प्राधिकरण में 15 साल बाद गई नौकरी
कुछ साल पहले नोएडा विकास प्राधिकरण में भी ऐसा ही प्रकरण सामने आया। हरियाणा, दिल्ली के कई लोगों को आरक्षित श्रेणी के पदों पर नियुक्ति दी गई। बाद में मामला सामने आने पर जांच हुई। दूसरे राज्यों के जाति प्रमाण पत्र पर नियुक्ति पाए लोगों की सेवाओं को 10 से 15 साल बाद जाकर समाप्त किया गया।
पूरे प्रकरण को गंभीरता से लिया जा रहा है। जल निगम से रिकॉर्ड मांग लिया गया है। उसकी जांच होगी। न्याय, कार्मिक से भी रिपोर्ट ली जा रही है। पूरे प्रकरण पर सभी पहलुओं को गंभीरता से लेते हुए ठोस फैसला लिया जाएगा।
जीबी औली, अपर सचिव पेयजल
शासन ने 2005 में हुई एई और जेई भर्ती को लेकर रिकॉर्ड मांगा है। जो शासन को उपलब्ध करा दिया गया है। इसमें नियुक्तियों की भी पूरी जानकारी दे दी गई है। शासन स्तर से जैसे भी दिशा निर्देश प्राप्त होंगे, उसी अनुरूप आगे की कार्रवाई होगी।
वीसी पुरोहित, एमडी जल निगम