डिप्लोमा इंजीनियर्स को मंजूर नहीं आउटसोर्स के असिस्टेंट इंजीनियर, मानकों के उल्लंघन का आरोप 

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डिप्लोमा इंजीनियर्स को मंजूर नहीं आउटसोर्स के असिस्टेंट इंजीनियर, मानकों के उल्लंघन का आरोप

देहरादून।

उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ ने आउटसोर्स पर असिस्टेंट इंजीनियरों की तैनाती के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उपनल से जल संस्थान में आउटसोर्स पर भर भेजे गए सात सहायक अभियंताओं को भेजने की प्रक्रिया का विरोध किया। विरोध पर उपनल ने भी नियुक्ति निरस्त कर दी है।
उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ को आयोग की परिधि के पदों पर आउटसोर्स से तैनाती पर एतराज है। उपनल ने जल संस्थान के लिए तीन जूनियर इंजीनियर और सात असिस्टेंट इंजीनियरों का चयन कर नाम सचिव प्रशासन जल संस्थान को भेजे। उपनल का 18 सितंबर का ये आदेश सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। तत्काल उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ ने उपनल और जल संस्थान प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। महासंघ के महासचिव अजय बेलवाल ने सहायक अभियंता के पर लोक सेवा आयोग से सीधे चयन होता है। राजपत्रित समकक्ष इस पर आउटसोर्स से भर्ती करना समझ से परे है। इसके स्थान पर बेहतर होता कि विभाग वरिष्ठ अपर सहायक अभियंता पद पर तैनात इंजीनियरों को पदोन्नत करते या फिर प्रभार सौंपते। वरिष्ठ जूनियर इंजीनियरों को भी चार्ज सौंपा जा सकता है।
कहा कि इसके उलट उपनल से सहायक अभियंता पद पर तैनाती के आदेश कर दिए। ये सीधे तौर पर एक तय संवैधानिक व्यवस्था को खत्म करने का प्रयास किया है। किस तरह आउटसोर्स के एई विभाग में आयोग से आए जूनियर इंजीनियर को निर्देश दे सकेंगे। उन्होंने इसे सीधे तौर पर बैकडोर एंट्री करार दिया। उन्होंने तत्काल इस व्यवस्था को समाप्त कर एक पारदर्शी सिस्टम तैयार करने की मांग की। ऐसा न होने पर भविष्य में आंदोलन की चेतावनी दी। उधर जल संस्थान का तर्क है कि इस प्रकरण में जल संस्थान की कोई भूमिका नहीं है। पहले उपनल ने ही सेवाएं समाप्त की थीं। अब शासन ने ही दोबारा नियुक्ति देने को कहा है। शासन के इसी आदेश का पालन करते हुए उपनल को पत्र लिखा गया है।

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