पुरानी पेंशन बहाली को प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री को भेजे समर्थन पत्र, निकाय, पंचायत प्रतिनिधियों ने किया कर्मचारियों का समर्थन
देहरादून।
पुरानी पेंशन बहाली को लेकर पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन से जुड़े कर्मचारी नेताओं ने निकाय, पंचायत प्रतिनिधियों से संपर्क साधा। पूर्व विधायक, मेयर, जिला पंचायत अध्यक्ष, ब्लॉक प्रमुख, जिला और क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने पुरानी पेंशन बहाली के समर्थन में पत्र प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को भेजे।
आंदोलन से जुड़े पदाधिकारियों ने देहरादून में मेयर सुनील उनियाल गामा, जिला पंचायत अध्यक्ष मधु चौहान, ऋषिकेश मेयर अनीता ममगाईं समेत जिलों में भी निकाय और पंचायत प्रतिनिधियों के जरिए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को पुरानी पेंशन बहाली समर्थन पत्र भिजवाए। आंदोलन के प्रदेश अध्यक्ष जीतमणि पैन्यूली ने बताया कि केंद्र सरकार ने एक जनवरी 2004 को नई पेंशन योजना लागू की। उत्तराखंड में एक अक्तूबर 2005 को नई पेंशन योजना लागू की गई। पहले ही दिन से कर्मचारी इस नई पेंशन योजना का विरोध कर रहे हैं। क्योंकि इस नई पेंशन योजना में कर्मचारियों का भविष्य असुरक्षित है। इसका नुकसान कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद भुगतना होगा। कहा कि एनपीएस पूरी तरह बाजार आधारित योजना है। ऐसे में इसमें बहुत अधिक जोखिम है। इसे किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता है। महासचिव मुकेश रतूड़ी ने कहा कि देश भर के सभी कर्मचारी अपनी मांग को लेकर लामबंद हैं। केंद्र और राज्य सरकारों को जल्द से जल्द सभी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का लाभ देना होगा। ऐसा न होने पर चरणबद्ध आंदोलन शुरू होगा।
नवंबर तक का जारी किया कार्यक्रम
20 से 30 सितंबर तक नगर निकाय, पंचायत प्रतिनिधियों को ज्ञापन और समर्थन में पीएम, सीएम को पत्र
20 से 31 अक्तूबर तक सभी 70 विधायकों के जरिए पीएम, सीएम को समर्थन पत्र
नौ नवंबर को राज्य के शहीदों को श्रद्धांजलि के साथ ही सभी मंदिरों में प्रार्थनाएं और सांसदों को ज्ञापन